बेबाक चर्चा
रुड़की। पिरान कलियर शरीफ में चल रहे सालाना उर्स में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जायरीनों की सुरक्षा के लिए चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर दो बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13 ढोंगियों को धर दबोचा है। ये ढोंगी अलग-अलग राज्यों से यहां आकर छद्म वेश में लोगों को गुमराह कर रहे थे।
पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था कि कुछ संदिग्ध लोग पिरान कलियर में बाबा का वेश बनाकर रह रहे हैं। मंगलवार को एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच के दौरान **मोहम्मद उज्ज्वल** नाम का शख्स पकड़ा गया, जो बांग्लादेश के सुनमगंज जिले का रहने वाला है और यहां खुद को **’बाबा मोहन’** बता रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि उज्ज्वल को मार्च 2020 में भी कलियर से अवैध रूप से रहते हुए गिरफ्तार किया जा चुका है। सजा पूरी होने के बाद उसे बांग्लादेश भेज दिया गया था, लेकिन वह फिर से भारत में घुस आया।
इसी तरह, पुलिस ने एक और बांग्लादेशी नागरिक **मोहम्मद युसूफ उर्फ इसुफ** को भी गिरफ्तार किया, जो यहां **’शंकर बाबा’** के नाम से रह रहा था। इन दोनों के खिलाफ विदेशी पासपोर्ट अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
पकड़े गए अन्य ढोंगियों में यूपी, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली के रहने वाले हैं। इनमें से कुछ के नाम मुस्तफा हुसैन (श्रावस्ती, यूपी), मोहम्मद ईशा (अजमेर), पुरण (बिजनौर), यासीन शाह वारसी (बाराबंकी) शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि दरगाह क्षेत्र बांग्लादेशी नागरिकों के लिए एक ‘सुरक्षित ठिकाना’ बन गया है, जहां वे नाम बदलकर शरण लेते हैं। पिछले 10 सालों में 10 से ज्यादा ऐसे लोग यहां से पकड़े जा चुके हैं।