बेबाक चर्चा
**दिल्ली-फतेहाबाद:** इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। राजधानी दिल्ली से एक 6 महीने के मासूम बच्चे का अपहरण कर उसे हरियाणा के फतेहाबाद में एक अस्पताल में 90 हजार रुपये में बेच दिया गया। दिल्ली पुलिस की सक्रियता से बच्चा सकुशल बरामद कर लिया गया है, और इस **घिनौने खेल** में शामिल हलवाई, अस्पताल संचालक, डॉक्टर और एक नर्स समेत 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
### **साजिश का पर्दाफाश**
यह पूरा मामला दिल्ली के सराय काले खां बस स्टैंड से शुरू हुआ। दिल्ली में एक हलवाई की दुकान पर काम करने वाला **वीरभान उर्फ वीरू** अचानक बस स्टैंड पर आया और एक यात्री के 6 महीने के बच्चे को अगवा कर लिया। इसके बाद वह चुपके से बच्चे को लेकर हरियाणा के फतेहाबाद पहुंच गया। यहां उसने एक निजी अस्पताल में **90 हजार रुपये में मासूम का सौदा** कर दिया।
### **पुलिस की जासूसी और दबिश**
दिल्ली पुलिस को जब इस अपहरण की जानकारी मिली, तो तुरंत बच्चे की तलाश शुरू हो गई। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने वीरभान की पहचान की और उसकी लोकेशन ट्रेस की। सोमवार रात दिल्ली पुलिस की एक टीम उत्तर प्रदेश के पिनाहट पहुंची, जहां उन्होंने वीरभान और उसकी पत्नी को धर दबोचा। वीरभान की निशानदेही पर उसके साले और ससुर को भी हिरासत में लिया गया।
इसके बाद, पुलिस टीम फतेहाबाद के उस अस्पताल में पहुंची, जहां मासूम को बेचा गया था। पुलिस ने अस्पताल से बच्चे को सकुशल बरामद किया और साथ ही हॉस्पिटल संचालक, एक डॉक्टर और एक नर्स को भी हिरासत में ले लिया।
### **क्या बच्चा चोर गिरोह के तार जुड़े हैं?**
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। वीरभान ने जिस तरह से अपहरण कर बच्चे को एक अस्पताल में बेचा, उससे यह सवाल उठ रहा है कि कहीं वह किसी **बड़े बच्चा चोर गिरोह** का हिस्सा तो नहीं है। वीरभान ने यह जघन्य अपराध सिर्फ पैसों के लिए किया या इसके पीछे कोई और मकसद था, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है। डीसीपी पूर्वी जोन अली अब्बास ने बताया कि दिल्ली पुलिस की दबिश की जानकारी मिली है और इस मामले में आगे की पड़ताल जारी है।