बेबाक चर्चा
देहरादून। हरिद्वार के चर्चित नगर निगम जमीन घोटाले में शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आईएएस (IAS) और एक पीसीएस (PCS) अधिकारी के खिलाफ विभागीय चार्जशीट जारी कर दी है। इन तीनों अधिकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहले ही निलंबित किया जा चुका था और मामले की विजिलेंस जांच अभी भी जारी है।
क्या है पूरा मामला?
मामला हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास स्थित 2.3070 हेक्टेयर अनुपयुक्त भूमि को 54 करोड़ रुपये की भारी-भरकम कीमत पर खरीदने से जुड़ा है। इस सौदे पर गंभीर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे।
सचिव रणवीर सिंह चौहान द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट 29 मई को शासन को सौंपी थी, जिसके आधार पर 3 जून को बड़ी कार्रवाई की गई। शासन ने तत्कालीन हरिद्वार जिलाधिकारी आईएएस कर्मेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त आईएएस वरुण चौधरी और तत्कालीन एडीएम (प्रशासन) पीसीएस अजयवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
अब आगे क्या होगा?
कार्मिक विभाग के अनुसार, तीनों अधिकारियों को चार्जशीट सौंप दी गई है और अब उनसे जवाब मांगा जाएगा। उनका जवाब मिलने के बाद शासन एक जांच अधिकारी नामित करेगा, जो मामले की विस्तृत विभागीय जांच करेगा। अधिकारियों के जवाबों का अध्ययन करने और उनसे पूछताछ के बाद आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
इसके अलावा, आईएएस वरुण चौधरी के नगर आयुक्त के रूप में कार्यकाल का एक विशेष ऑडिट भी कराया जा रहा है ताकि उनके कार्यकाल के दौरान हुए अन्य वित्तीय लेन-देन की भी जांच हो सके। इस हाई-प्रोफाइल मामले पर शासन की पैनी नजर बनी हुई है और विजिलेंस जांच पूरी होने के बाद इसमें और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।