बेबाक चर्चा
देहरादून, 19 जुलाई: उत्तराखंड के चर्चित सहसपुर जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच तेज करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। ईडी ने शुक्रवार को देहरादून की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत और तीन अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
इस मामले में हरक सिंह और दीप्ति रावत के अलावा उनके करीबी बिरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा और श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है। यह चार्जशीट सहसपुर थाने में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के एक पुराने मुकदमे के आधार पर की गई जांच के बाद दायर की गई है।
क्या है पूरा मामला?
ईडी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह मामला सहसपुर में स्थित 101 बीघा जमीन से जुड़ा है, जिसे ईडी ने इसी साल जनवरी में अटैच भी कर लिया था। जांच में पाया गया कि हरक सिंह रावत ने अपनी पत्नी दीप्ति रावत और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर एक साजिश के तहत इस जमीन को अवैध रूप से अपने नाम पर पंजीकृत करवाया था। हालांकि, बाद में न्यायालय ने इस पंजीकरण को रद्द करने का आदेश दे दिया था।
न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर बेची जमीन
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, जमीन की मूल मालिक स्व. सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर जमीन की दो पावर ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत करवा दीं। बाद में, हरक सिंह के करीबी सहयोगी बिरेंद्र सिंह कंडारी ने इसी पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल करते हुए जमीन को दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को बेहद कम दामों पर बेच दिया। यह कीमत उस क्षेत्र के तत्कालीन सर्किल रेट से भी काफी कम थी।
70 करोड़ की जमीन पर चल रहा मेडिकल कॉलेज
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिस जमीन को दीप्ति रावत ने खरीदा था, उस पर अब “दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस” नामक एक शिक्षण संस्थान चलाया जा रहा है। यह संस्थान श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के अधीन संचालित है, जिसका पूरा नियंत्रण हरक सिंह रावत के परिवार और उनके करीबियों के पास है।
गौरतलब है कि ईडी ने जनवरी 2025 में इस 101 बीघा जमीन को प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश के तहत अटैच किया था। उस समय इसकी कीमत 6.56 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जबकि इसका वर्तमान बाजार मूल्य 70 करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब इस मामले में आरोपियों की मुश्किलें बढ़ना तय है।