नई दिल्ली। दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके में पुलिस ने एक कार्यालय में जुआ खेलते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के निगम पार्षद जोगिंदर सिंह उर्फ बंटी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पार्षद के साथ एक महिला समेत छह अन्य लोगों को भी पकड़ा है, जबकि एक आरोपी मौके से भागने में कामयाब रहा। इस कार्रवाई में पुलिस ने 4.35 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ और भाजपा के बीच तीखा राजनीतिक टकराव शुरू हो गया है।
कार्यालय में चल रहा था जुआ, पुलिस ने की छापेमारी
बाहरी उत्तरी जिला के पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि शनिवार शाम पुलिस को कादीपुर गांव स्थित एक कार्यालय में जुआ खेले जाने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मौके पर छापेमारी की। कार्यालय के अंदर सात पुरुष और एक महिला ताश के पत्तों से जुआ खेल रहे थे। पुलिस को देखते ही उन्होंने नकदी और ताश के पत्ते छिपाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पार्षद जोगिंदर सिंह समेत सात लोगों को मौके पर ही दबोच लिया।
पुलिस ने घटनास्थल से 4.35 लाख रुपये नकद, ताश के पत्तों के दो बंडल और अन्य सामान जब्त किया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह कार्यालय किसका है और यहां कब से जुए का अड्डा चलाया जा रहा था।
आप ने बताया राजनीतिक साजिश
अपने पार्षद की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर पलटवार किया है। ‘आप’ ने इसे एक राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्ष को बदनाम करने और दबाव बनाने के लिए कर रही है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, “भाजपा के नियंत्रण वाली एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोपों की सच्चाई पर टिप्पणी करना भी कठिन हो गया है। पिछले एक दशक में केंद्रीय एजेंसियों ने राजनीतिक विरोधियों पर अनगिनत झूठे मामले दर्ज किए हैं।”
BJP का हमला, कहा- सामने आया ‘आप’ का असली चेहरा
वहीं, दिल्ली भाजपा ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सत्ता से हटने के बाद अब ‘आप’ का असली चेहरा खुलकर सामने आ रहा है। उन्होंने सवाल किया, “क्या अरविंद केजरीवाल और सौरभ भारद्वाज इस शर्मनाक घटना की जिम्मेदारी लेते हुए पार्षद को पार्टी से निकालने का साहस दिखाएंगे या हमेशा की तरह इसे भी भाजपा की साजिश बताकर रफा-दफा कर देंगे?” सचदेवा ने कहा कि जो पार्टी कभी ईमानदार राजनीति का दावा करती थी, उसके नेता आज भ्रष्टाचार और अपराध के प्रतीक बन चुके हैं।