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फर्जी दस्तावेज बनाकर उत्तरी गोवा में हड़पी थीं बेशकीमती जमीनें, मुख्य आरोपी पहले से न्यायिक हिरासत में
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गोवा के सबसे बड़े भूमि हड़पने के मामलों में से एक में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित आपराधिक गिरोह की कमर तोड़ दी है। ईडी ने सोमवार को गिरोह के सरगना रोहन हरमलकर और उसके साथियों से जुड़ी 212.85 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। ये संपत्तियां गोवा के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने यह जांच गोवा पुलिस द्वारा रोहन हरमलकर और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर शुरू की थी। इन पर जालसाजी, प्रतिरूपण और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर उत्तरी गोवा में बेशकीमती जमीनें धोखाधड़ी से हासिल करने का आरोप है।
ऐसे दिया घोटाले को अंजाम
ईडी की जांच में सामने आया कि रोहन हरमलकर ने अपने साथी अलकांत्रो डिसूजा और अन्य के साथ मिलकर एक संगठित आपराधिक गिरोह चलाया। इस गिरोह ने उत्तरी गोवा के अंजुना, रेवोरा, नाडोरा, मापुसा और बारदेज़ तालुका जैसे प्रमुख इलाकों में स्थित उच्च मूल्य वाली संपत्तियों को हड़पने के लिए एक विस्तृत साजिश रची। इसके लिए आरोपियों ने जाली वंशावली रिकॉर्ड, फर्जी बिक्री विलेख (sale deeds), नकली वसीयत और अन्य धोखाधड़ी वाले दस्तावेजों का इस्तेमाल किया ताकि वे इन मूल्यवान संपत्तियों पर झूठा दावा कर सकें।
अवैध कमाई को ऐसे किया सफेद
जांच के अनुसार, जमीन हड़पकर उत्पन्न की गई इस अवैध कमाई (Proceeds of Crime) को वैध दिखाने के लिए उसे मुख्य आरोपियों, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से घुमाया गया (लेयरिंग और इंटीग्रेशन)। ईडी ने इसी अवैध कमाई से बनाई गई 212.85 करोड़ रुपये की संपत्तियों की पहचान कर उन्हें कुर्क किया है।
इस मामले में मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर को ईडी ने 3 जून को ही गिरफ्तार कर लिया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। एजेंसी का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है और घोटाले से जुड़ी अन्य संपत्तियों का पता लगाकर उन्हें भी कुर्क करने का प्रयास किया जा रहा है, जिनकी कीमत काफी अधिक हो सकती है।