बेबाक चर्चा
रुद्रपुर। पंचायत चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद, मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) केएस रावत ने क्षेत्र की शिक्षण व्यवस्था का जायजा लेने के लिए औचक निरीक्षण किया। इस दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय फौजी मटकोटा में उन्हें गंभीर अनियमितताएं देखने को मिलीं, जहाँ बच्चे स्कूल परिसर में घूम रहे थे और अधिकांश शिक्षक अनुपस्थित थे।
शनिवार दोपहर जब सीईओ रावत फौजी मटकोटा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय पहुँचे, तो उन्होंने बच्चों को कक्षा के बजाय बाहर घूमते हुए पाया। पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक ही नहीं हैं। जब सीईओ ने उपस्थिति रजिस्टर की जाँच की, तो पता चला कि स्कूल में तैनात कुल चार शिक्षकों में से केवल एक ही उपस्थित थे।
रजिस्टर के अनुसार, एक शिक्षक मेडिकल अवकाश पर थे, जबकि दूसरे ने पंचायत चुनाव में व्यस्त होने की जानकारी दी थी। वहीं, एक अन्य शिक्षक बिना किसी सूचना के मौके से गायब पाए गए। स्कूल में पंजीकृत कुल 76 छात्रों में से 57 छात्र उपस्थित थे। इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए सीईओ ने तत्काल बीईओ और डीईओ को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद भी जो शिक्षक ड्यूटी पर नहीं हैं, उनके दावे की जाँच की जाए और यदि जानकारी गलत पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही, उन्होंने बिना सूचना के गायब मिले शिक्षक का वेतन रोकने का भी आदेश दिया।
इंटर कॉलेज में सीईओ ने खुद ली गणित की क्लास, बंद मिली स्मार्ट टीवी
प्राथमिक विद्यालय के बाद सीईओ रावत राजकीय इंटर कॉलेज पहुँचे। यहाँ उन्होंने सबसे पहले कार्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति जाँची और उपलब्ध संसाधनों का ब्यौरा लिया। इसके बाद वे सीधे कक्षा 10 में पहुँचे और छात्रों की गणित की क्लास ली व ब्लैकबोर्ड पर सवाल हल किए।
कक्षा में शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए लगी बड़ी टीवी स्क्रीन पर जब उनकी नजर पड़ी तो उन्होंने पूछा कि क्या यह चलती है। इस पर जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने शिक्षकों से इसे चलाने को कहा। दो शिक्षकों ने लगभग 10 मिनट तक प्रयास किया, लेकिन वे टीवी चालू नहीं कर सके। इस पर सीईओ ने प्रभारी प्रधानाचार्य को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके अगले निरीक्षण तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो निश्चित रूप से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।