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सीतापुर, 7 अगस्त, 2025: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित दोनों शूटरों को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है। बृहस्पतिवार सुबह पिसावां थाना क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। हालांकि, मृतक पत्रकार की पत्नी ने इस कार्रवाई पर असंतोष जताया है।
पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में मारे गए शूटर
एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम पिसावां-महोली मार्ग पर कॉम्बिंग कर रही थी। इसी दौरान बाइक पर सवार दो संदिग्धों को रुकने का इशारा किया गया। बाइक सवारों ने रुकने के बजाय पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों शूटर गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मारे गए शूटरों की पहचान मिश्रित निवासी संजय तिवारी उर्फ अकील खान और राजू तिवारी उर्फ रिजवान के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, इन दोनों पर हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।
8 मार्च को हुई थी पत्रकार की हत्या
उल्लेखनीय है कि इसी साल 8 मार्च को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हेमपुर ओवरब्रिज पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कुल पांच लोग शामिल थे। पुलिस ने 34 दिनों के बाद मामले का खुलासा करते हुए साजिश में शामिल कारेदेव बाबा मंदिर के एक पुजारी और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, गोली मारने वाले दोनों शूटर संजय और राजू तब से फरार थे। इनकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की कई टीमें लगी हुई थीं।
कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है परिवार
वहीं, मुठभेड़ की इस कार्रवाई पर मृतक पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हमने पति के अंतिम संस्कार से पहले कहा था कि घटना का खुलासा हमारी जानकारी में हो और पकड़े जाने पर शूटरों को हमें दिखाया जाए। लेकिन पुलिस ने न तो खुलासा करते समय और न ही एनकाउंटर से पहले हमें कोई जानकारी दी। हम इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।”