बेबाक चर्चा
हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों ने एक सरकारी वेबसाइट को निशाना बनाते हुए धोखाधड़ी का प्रयास किया है। ठगों ने प्रदेश के उद्योग विभाग की आधिकारिक वेबसाइट emerginghimachal.gov.in
को हैक कर लिया और उस पर मुख्यमंत्री राहत कोष (CM Relief Fund) के नाम से एक फर्जी वेब पेज और QR कोड डाल दिया। इसका उद्देश्य आम लोगों से धोखाधड़ी कर पैसा ऐंठना और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाना था।
मामले का पता चलते ही उद्योग विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। छोटा शिमला पुलिस थाना ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दो दिनों तक वेबसाइट पर लगा रहा फर्जी पेज
उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलकराज शर्मा द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, विभाग की वेबसाइट राज्य के मैहली स्थित डाटा सेंटर में होस्ट की गई है। 28 जुलाई को वेबसाइट का प्रबंधन करने वाली टीम ने उन्हें सूचित किया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने वेबसाइट को हैक कर उस पर मुख्यमंत्री राहत कोष का फर्जी पेज अपलोड कर दिया है। जांच में पता चला कि यह फर्जी पेज 26 जुलाई को ही वेबसाइट पर लाइव कर दिया गया था।
सूचना मिलते ही विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 28 जुलाई को वेबसाइट को बंद कर दिया। सुरक्षा जांच और आवश्यक सुधारों के बाद 29 जुलाई को वेबसाइट को फिर से शुरू किया गया।
पुलिस जांच में खुलेगा राज
पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि 26 से 28 जुलाई के बीच कितने लोगों ने उस फर्जी QR कोड को स्कैन कर पैसे ट्रांसफर किए हैं। पुलिस की साइबर टीम वेबसाइट की हैकिंग और आरोपियों की पहचान के लिए तकनीकी जांच में जुट गई है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह सरकार को बदनाम करने और लोगों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी करने की एक सोची-समझी साजिश है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और आईटी एक्ट की धारा 66(C) (पहचान की चोरी) के तहत मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में सरकारी वेबसाइटों को निशाना बनाने की यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले 5 जुलाई, 2025 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला की वेबसाइट को भी हैकर्स ने निशाना बनाया था।