बेबाक चर्चा
लखनऊ। राज्य कर विभाग में एक बार फिर महिला उत्पीड़न का एक बड़ा मामला सामने आया है। विभाग में कुछ समय पहले सात अधिकारियों के निलंबन का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब नोएडा में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर ही विभाग की महिला अधिकारियों ने शोषण, उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस शिकायत ने विभाग से लेकर शासन तक में खलबली मचा दी है।
शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिलने की पुष्टि की है और मामले में जांच के आदेश दिए जाने की भी बात कही है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित महिला अधिकारियों ने सीधे मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। 5 अगस्त को शासन को मिली इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नोएडा में अपर आयुक्त (Additional Commissioner) के पद पर तैनात उक्त आईएएस अधिकारी पिछले चार महीने से महिला अधिकारियों के साथ “गुलामों जैसा” व्यवहार कर रहे हैं। पत्र के अनुसार, अधिकारी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं और धमकी देते हैं कि, “मेरी बात नहीं मानोगे तो तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा और हाथ में कटोरा देकर नौकरी से निकलवा दूंगा।”
यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी
शिकायत में यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आने वाले कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। महिला अधिकारियों का कहना है कि आईएएस अधिकारी उन्हें बेवजह अपने कार्यालय में बुलाकर घंटों खड़ा रखते हैं और घूरते रहते हैं। आरोप है कि वह देर रात महिला अधिकारियों को फोन और वीडियो कॉल करते हैं, छिप-छिपकर उन्हें देखते हैं और उनके वीडियो भी बनाते हैं।
पत्र में यह भी लिखा है कि जो कोई भी महिला अधिकारी उनकी इन हरकतों का विरोध करती है, उसे किसी झूठे मामले में फंसाकर निलंबित करा दिया जाता है या फिर सूचना लीक करने और काम में लापरवाही बरतने जैसे आरोप लगाकर उस पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता है।
“एक तरफ ‘बेटी बचाओ’, दूसरी तरफ अस्मिता कुचल रहे अधिकारी”
दुखी मन से लिखे इस पत्र में महिला अधिकारियों ने गुहार लगाते हुए कहा है, “एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है, तो दूसरी तरफ एक आईएएस अधिकारी महिलाओं की अस्मिता को कुचल रहे हैं।” उन्होंने इस पूरे मामले की गोपनीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या राज्य महिला आयोग से कराने की मांग की है, ताकि शोषण, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की सभी परतें उजागर हो सकें। शासन ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।