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छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश: छिंदवाड़ा जिले में स्कूल कर्मी जितेंद्र अहिरवार की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में बसपा के पूर्व विधायक अजय सिंह उर्फ पंकज और उनके बेटे अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मामले के मुख्य आरोपी और कांग्रेस के पूर्व विधायक राम प्रसाद अहिरवार (अजय के पिता) समेत चार अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस के मुताबिक, जितेंद्र की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह स्कूल से जुड़ी छोटी-छोटी बातें पूर्व विधायक राम प्रसाद को बताता था, जो अन्य आरोपियों को नागवार गुजरी थी।
**कैसे हुआ था हत्याकांड?**
यह घटना शनिवार रात की है जब घमूरी गांव निवासी 45 वर्षीय जितेंद्र अहिरवार को कुछ कार सवार लोग लहूलुहान हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में छोड़कर भाग गए थे। उन्होंने डॉक्टरों से कहा था कि यह एक सड़क दुर्घटना का मामला है। बाद में, जितेंद्र के बेटे नितिन कुमार ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। नितिन ने अपनी शिकायत में कांग्रेस के पूर्व विधायक राम प्रसाद अहिरवार, उनके बेटे (बसपा के पूर्व विधायक) अजय सिंह, अजय के दो बेटों अमन सिंह और राजा, अमित, और कुछ अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था। नितिन ने पुलिस को अपने पिता के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड भी सौंपे, जिसमें आरोपियों द्वारा उन्हें धमकाने की बात सामने आई थी।
**पूछताछ में हुआ खुलासा**
एएसपी प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने पांच संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जांच में पता चला कि जितेंद्र की मौत दुर्घटना से नहीं, बल्कि बेरहमी से पिटाई के कारण हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जितेंद्र के शरीर पर गंभीर चोटों के पांच निशान मिले थे। गुरुवार को पुलिस ने पंचानन चौराहे से अजय सिंह और उनके बेटे अमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल की गई कार और बाइक के साथ-साथ मृतक के कपड़े भी बरामद हुए हैं।
**”पूर्व विधायकों के सामने हुई थी पिटाई”**
पूछताछ के दौरान आरोपी अमन सिंह ने बताया कि घटना के समय दोनों पूर्व विधायक (राम प्रसाद और अजय सिंह) घर पर ही मौजूद थे और उन्हीं के सामने जितेंद्र की पिटाई की गई थी। अमन के अनुसार, जितेंद्र, उनके दादा (राम प्रसाद) के बेहद करीबी हो गए थे। इसी वजह से दादा ने उन्हें अपने **विद्यादेवी उच्चतर बालिका विद्यालय** की चाबी भी सौंप दी थी। जितेंद्र छोटी-छोटी बातें दादा को बताता था, जिससे घर में विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। शनिवार को उन्होंने जितेंद्र को फोन करके घर बुलाया, उसे समझाया, लेकिन जब वह नहीं माना तो उसकी पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद, उन्होंने घटना को सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की।
एएसपी वर्मा ने बताया कि पुलिस अन्य फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने की कार्रवाई कर रही है। यह मामला एक राजनीतिक रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई के रूप में सामने आया है, जहां एक स्कूल कर्मी को अपनी वफादारी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी।