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बाजपुर: बाजपुर गांव में घोघा नदी में अचानक आई बाढ़ में बह जाने से एक पिता-पुत्र की मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार को हुई जब गांव के निवासी अकील अहमद (47) अपने दिव्यांग बेटे कामिल (17) के साथ खेत में पॉप्लर के पेड़ों की छंटाई करने जा रहे थे।
घोघा नदी के तेज बहाव में बहे पिता-पुत्र
शुक्रवार की सुबह करीब 11:30 बजे, जब पिता-पुत्र खेत की ओर जा रहे थे, घोघा नदी में अचानक उफान आ गया। तेज बहाव में दोनों का पैर फिसल गया और वे नदी में बह गए। इस दौरान, ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और बेहोशी की हालत में अकील को नदी से बाहर निकाल लिया। उन्हें तुरंत उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद, अकील अहमद का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया, जिनका गांव के कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, एसडीआरएफ ने निकाला बेटे का शव
घटना के बाद, एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने कामिल की खोजबीन शुरू की। इस दौरान, कामिल का शव नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने एसडीआरएफ के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया।
शनिवार शाम 5:45 बजे, ग्रामीणों ने बांस की झाड़ियों में कामिल का शव देखा। टीम ने शव को नदी से बाहर निकाला, जिससे परिवार में मातम छा गया। ग्रामीणों ने बताया कि कामिल बाजपुर के राजकीय इंटर कॉलेज में 11वीं कक्षा का छात्र था।
इस मौके पर भाजपा नेता राजेश कुमार, गौरव शर्मा, गुलवेज खान और सोनू सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अकील अहमद मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक दिव्यांग बेटा था। उनके बेटे कामिल भी उनके साथ खेतों में मजदूरी करके हाथ बंटाते थे।
इस दुखद घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। अकील की दो बेटियों, गुलशन और गुलफिशा की शादी नवंबर में होनी थी, जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर पैसा जमा कर रहे थे।
एसडीएम बाजपुर डॉ. अमृता शर्मा ने बताया कि मृतकों के परिवार को आपदा राहत कोष से 4 लाख रुपये का चेक दिया गया है और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।