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हल्द्वानी। आठ महीने की गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद समय पर उचित उपचार न मिलने से मौत हो गई। गर्भवती और उसके गर्भस्थ शिशु दोनों को नहीं बचाया जा सका। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
मामला जवाहर नगर नगला का
पुलिस के अनुसार ग्राम जवाहर नगर की पंत विहार कॉलोनी निवासी 29 वर्षीय स्वाति पांडे पत्नी अवनीश पांडे की गुरुवार, 31 जुलाई 2025 की शाम अचानक तबीयत बिगड़ गई। स्वाति आठ महीने की गर्भवती थीं। बताया जा रहा है कि उनका ब्लड प्रेशर अचानक काफी बढ़ गया था। उसी हालत में परिजन उन्हें इलाज के लिए हल्द्वानी के मुखानी चौराहे स्थित जय श्री तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे।
पहले अस्पताल ने किया रेफर
परिजनों का कहना है कि स्वाति का पहले से इलाज जय श्री तिवारी अस्पताल में ही चल रहा था, लेकिन उस दिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। हालात गंभीर होने पर उन्हें रेफर कर दिया गया। जिसके बाद महिला को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप
परिवार का कहना है कि यदि जय श्री तिवारी अस्पताल प्रशासन समय रहते उन्हें भर्ती कर उचित उपचार देता तो स्वाति और उसके गर्भस्थ शिशु की जान बचाई जा सकती थी। परिवार ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
पुलिस ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में 1 अगस्त 2025 को डॉक्टरों के पैनल से मृतका का पोस्टमार्टम कराया। 23 अगस्त 2025 को आई रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाने से ब्रेन हैमरेज हुआ और शरीर के अन्य आंतरिक अंगों ने काम करना बंद कर दिया। यही उनकी मौत का कारण बना।
परिजनों की मांग
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी परिजन अस्पताल प्रशासन को दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इलाज के अभाव और लापरवाही से उनकी बेटी और गर्भस्थ शिशु की जान गई है। परिवार ने सरकार से मांग की है कि जय श्री तिवारी अस्पताल, मुखानी हल्द्वानी का लाइसेंस रद्द किया जाए और दोषी डॉक्टरों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पुलिस की ओर से बयान
हल्द्वानी कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के पास आ गई है। रिपोर्ट और परिजनों के आरोपों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की जा रही है। आगे की कार्रवाई साक्ष्यों और रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।
न्याय की प्रतीक्षा
इस दर्दनाक घटना के बाद परिवार गहरे सदमे में है। सवाल यह है कि क्या परिजनों को इंसाफ मिल पाएगा या फिर यह मामला भी लापरवाही के मामलों की फाइलों में दबकर रह जाएगा। स्थानीय लोग भी इस घटना के बाद निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठा रहे हैं।