बेबाक चर्चा
दिल्ली: अब खिलाड़ियों को सिर्फ ‘वाह-वाह’ नहीं, बल्कि ‘वाह-वाह’ के साथ करोड़ों रुपये और सरकारी नौकरी भी मिलेगी! मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली को खेलों की राजधानी बनाने का जो सपना देखा है, उसे पूरा करने के लिए खजाना खोल दिया है। शनिवार को त्यागराज स्टेडियम में खिलाड़ियों के साथ एक धमाकेदार संवाद सत्र में सीएम ने घोषणा की कि ओलंपिक, एशियाई, कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को न सिर्फ मोटी पुरस्कार राशि मिलेगी, बल्कि सीधे सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
बीते हुए कल पर तंज, आज की बात
सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर तीखा तंज कसते हुए कहा, “पहले खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जाता था। न तो पुरस्कार राशि बढ़ती थी, न सुविधाएं मिलती थीं।” लेकिन अब उनकी सरकार ने खेल नीति में क्रांतिकारी बदलाव किया है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पदक विजेताओं का सम्मान इस तरह से होगा कि वे खुद हैरान रह जाएंगे।
सीएम ने रवि दहिया, शरद कुमार, तेजस्विन शंकर और प्रीतम रानी जैसे धुरंधर खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी जब मेडल जीतता है, तो वह सिर्फ एक पदक नहीं होता, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान होता है।
पीएम मोदी की भी तारीफ!
मुख्यमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में खेलों को पहली बार सही सम्मान और नीतिगत समर्थन मिला है। राष्ट्रीय खेल शासन कानून-2025 से खिलाड़ियों को बेहतर कोच, डाइट और संसाधन मिलेंगे, जो पहले एक सपना हुआ करता था।
सुशासन का ‘स्पाइसी’ तड़का
सिर्फ खेलों में ही नहीं, सीएम रेखा गुप्ता ने सुशासन के मोर्चे पर भी एक बड़ा धमाका किया है। उन्होंने ऐलान किया है कि दिल्ली के सभी 11 राजस्व जिलों की सीमाएं नगर निगम (MCD) के 12 जोनों के हिसाब से व्यवस्थित होंगी। इससे सरकारी काम में तेजी आएगी और लालफीताशाही खत्म होगी।
सीएम ने हर जिले में ‘मिनी सचिवालय’ बनाने का भी वादा किया, जहाँ लोग सीधे अपनी शिकायतें लेकर डीडीसी चेयरमैन के दफ्तर में जा सकेंगे और उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान होगा। अब देखना यह है कि यह नई व्यवस्था दिल्ली वालों की जिंदगी को कितना आसान बनाती है।
‘खिलाड़ी चिंता न करें, सरकार है साथ’
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “आपका काम सिर्फ मेडल लाना है, बाकी सब सरकार पर छोड़ दें।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खिलाड़ियों को ट्रेनिंग, संसाधन और हर तरह का सहयोग देगी, ताकि वे बिना किसी चिंता के सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दे सकें।