बेबाक चर्चा
**नई दिल्ली:** उत्तर प्रदेश के कुख्यात **बाइकबोट पोंजी घोटाले** में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और **बड़ी कार्रवाई** की है। ईडी ने इस घोटाले के मास्टरमाइंड्स की **₹394.42 करोड़** से अधिक की नई संपत्तियां जब्त की हैं। ये संपत्तियां कई फर्जी एजुकेशनल ट्रस्ट, सोसाइटियों और व्यक्तियों के नाम पर खरीदी गई थीं, जिन्हें निवेशकों को ठगकर लूटी गई रकम से खरीदा गया था।
### कैसे चलाता था ‘बाइकबोट’ गैंग?
इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब बाइकबोट के प्रमोटर **संजय भाटी** और उसकी कंपनी **’गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि.’** के खिलाफ निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी संजय भाटी ने निवेशकों को **हर महीने किराए, ईएमआई और बोनस** देने का वादा करके उनसे 1, 3, 5 या 7 बाइक में निवेश करवाया था। इसके अलावा, नए निवेशकों को जोड़ने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का भी लालच दिया जाता था। लेकिन, असलियत में कई शहरों में बाइक टैक्सी सर्विस कभी शुरू ही नहीं हुई।
ईडी की जांच में सामने आया कि इस घोटाले से जुटाई गई रकम से कई **एजुकेशनल ट्रस्ट और सोसाइटी** बनाई गईं, जिनके जरिए मेरठ में करोड़ों की अचल संपत्तियां खरीदी गईं। ईडी ने जब्त की गई संपत्तियों में **₹389.30 करोड़** की अचल संपत्तियां और **₹5.12 करोड़** की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) शामिल हैं।
### पहले भी जब्त हो चुकी है करोड़ों की संपत्ति
यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने इस मामले में कार्रवाई की है। इससे पहले, साल 2020 और 2023 में भी ईडी ने **₹220.78 करोड़** की संपत्ति जब्त की थी। अब तक की कुल कार्रवाई में, ईडी ने इस घोटाले से जुड़ी करीब **₹615 करोड़** से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है।
यह कार्रवाई दिखाती है कि कानून की नजर से बच पाना मुश्किल है और निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं। इस मामले में आगे और भी खुलासे होने की उम्मीद है।