बेबाक चर्चा
**अलीगढ़, उत्तर प्रदेश:** अलीगढ़ के **पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल** में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का एक बेहद ही शर्मनाक और दुखद मामला सामने आया है। पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाए गए **संजय शर्मा** (42) की इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन इससे भी ज्यादा अमानवीय बात यह हुई कि शव को बाहर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने **स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया।**
इसके बाद मजबूर होकर उनके बेटे को अपने पिता के शव को गोद में उठाकर बाहर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था की पोल खोल दी है।
### क्या है पूरा मामला?
बरला गांव के रहने वाले **संजय शर्मा** का कुछ दिन पहले इसी अस्पताल में हर्निया का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद वह घर लौट आए, लेकिन अचानक उनके पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। जब दर्द कम नहीं हुआ, तो परिजन उन्हें 8 सितंबर को दोबारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले आए।
संजय के भाई दीपक शर्मा ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से तुरंत इलाज के लिए गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टर ने पहले अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा। जब वे अल्ट्रासाउंड कराने गए, तो वहाँ लंबी कतार लगी थी। बार-बार निवेदन करने के बावजूद डॉक्टर ने नंबर आने पर ही अल्ट्रासाउंड करने की बात कही।
कुछ ही देर बाद संजय की तबीयत और बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। परिवार वालों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर **लापरवाही का गंभीर आरोप** लगाते हुए कहा कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच जाती।
### सीएमएस ने दिए जाँच के आदेश
यह घटना तब और भी ज्यादा दुखद हो गई, जब संजय की मौत के बाद परिवार वालों को शव को बाहर ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। मजबूरन उनके बेटे को अपने पिता के शव को गोद में उठाकर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा।
इस घटना के बाद, अस्पताल के सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) **एम.के. माथुर** ने कहा कि इस तरह का मामला सामने आया है, और इसकी जाँच के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक मौत का सही कारण पता नहीं चल सका है।