Headline
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED का बड़ा आरोप, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य सिंडिकेट के ‘सरगना’ थे
बरेली में नकली दवाओं का बड़ा रैकेट, 12 थोक विक्रेताओं पर शक की सुई
गोरखपुर: पशु तस्करों ने छात्र की हत्या की, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा और पथराव
बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़, 5 बाइक के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार
रुद्रपुर: UP से तस्करी कर लाई जा रही शराब पकड़ी, फिल्मी स्टाइल में पीछा कर तस्कर गिरफ्तार
हजारीबाग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, ₹1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर ढेर
इंदौर में ‘काल’ बनकर दौड़ा बेकाबू ट्रक, सात से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका
किच्छा फायर बिग्रेड स्टेशन हेतु 4 करोड़ की मिली वित्तीय स्वीकृति –बेहड़
पंतनगर यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्र ने फांसी लगाकर दी जान, छात्रावास में मचा हड़कंप

उत्तराखंड में आईपीएस अफसरों के केंद्र में इम्पैनल्ड होने के विवाद में गृह विभाग ने दावा किया है कि राज्य ने अपना काम कर दिया है, अब मामला केंद्र के स्तर पर अटका है।

Spread the love

बेबाक चर्चा I

जाहिर है उत्तराखंड आईपीएस कैडर और गृह विभाग में सब कुछ ठीक नहीं है।

सरकारी प्रेस नोट में कहा गया है कि वर्ष 2006 बैच के चार आईपीएस अधिकारियों के नाम अक्तूबर 2023 में भेजे गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंधित आईपीएस अधिकारियों के विजिलेंस स्टेटस और विजिलेंस प्रोफाइल संबंधी प्रपत्र राज्य सरकार से मांगे।

इसमें जो नाम शामिल थे, उनमें आईपीएस स्वीटी अग्रवाल, अरुण मोहन जोशी, अनंत शंकर ताकवाले और राजीव स्वरूप का नाम शामिल था। केंद्र की ओर से मांगे जाने पर राज्य सरकार की ओर से नंवबर 2023 में ही संबंधित अधिकारियों के प्रोफाइल संबंधी प्रपत्र भेजे जा चुके हैं।

इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से 11 अक्तूबर 2024 में 2004 और 2005 बैच के पांच अधिकारियों, 18 अक्तूबर 2024 को 2007 बैच के चार और 1997 बैच के दो अधिकारियों, कुल 11 अधिकारियों के संबंध में विजिलेंस स्टेटस और विजिलेंस प्रोफाइल संबंधी प्रपत्र 27 नवंबर 2024 को केंद्र सरकार को भेजे गए।

दावा किया गया है कि आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में इम्पैनलमेंट किए जाने की कार्यवाही राज्य नहीं केंद्र के स्तर पर अटकी है। हालांकि प्रेस नोट में यह स्पष्ट नहीं है कि वर्ष 2023 में जिन अधिकारियों की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई थी, उसके बाद फिर 2024 में यह जानकारी पुन क्यों भेजने की जरूरत पड़ी? अगर दोबारा भेजी भी गई तो फिर उसमें 2005 और 2007 के अफसरों की रिपोर्ट ही क्यों भेजी गई?

उसमें 2006 बैच के नामों को क्यों शामिल नहीं किया गया? इसका संतोषजनक जवाब देने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं है। अफसर इस मामले से कन्नी काट रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है, ये जांच का विषय है। लेकिन इस मामले से विभाग पर सवाल उठ रहे हैं।

सेठ के स्थाई डीजीपी बनने पर मुहर

उत्तराखंड पुलिस महकमे में डीजीपी समेत 11 आईपीएस के प्रमोशन पर मोहर लग गई है। स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी सिफारिश सीएम पुष्कर धामी को अनुमोदन के लिए भेज दी है।मंगलवार को शासन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई डीपीसी में डीजी रैंक में एक अतिरिक्त पद सृजित करने की मंजूरी दी है।

सूत्रों ने बताया कि डीपीसी में 1995 बैच के आईपीएस दीपम सेठ की डीजीपी रैंक (एपेक्स स्केल यानि लेवल 17) में प्रमोशन पर मोहर लग गई। बता दें कि दीपम सेठ को सरकार ने हाल ही में डीजीपी बनाया, लेकिन अभी वह अपर पुलिस महानिदेशक रैंक पर थे। अब उन्हें डीजी रैंक में प्रोन्नत करने के साथ ही डीजीपी के स्थायी पद पर प्रमोशन की हरी झंडी दे दी गई है।

जबकि 1995 बैच के ही आईपीएस पीवीके प्रसाद को लेवल 16 देने की सिफारिश की गई। यह स्केल मिलते ही वह डीजी रैंक में प्रमोट हो जाएंगे। वही डीआईजी व 2007 बैच के आईपीएस जन्मेजय खंडूड़ी, सेंथिल अबुदई, डॉ. योगेंद्र रावत को आईजी रैंक में प्रमोशन प्रस्तावित किया गया है।

इसके अलावा डेपुटेशन पर चल रहे आईपीएस सदानंद दाते और सुनील मीणा को प्रोफार्मा पदोन्नति की सिफारिश की गई है। इसके अलावा दो आईपीएस प्रह्लाद मीणा और प्रीति प्रियदर्शिनी को सलेक्शन ग्रेड और डीआईजी रैंक में दो आईपीएस धीरेंद्र गुंज्याल और मुकेश कुमार के नाम पर सहमति जताई गई है। शासन के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top