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आगरा। नकली और अवैध दवाओं के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने एक ऐसे शातिर कारोबारी को दबोचा है, जिसने पुलिस को ही ₹1 करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की। चौंकाने वाली बात यह है कि इस आरोपी ने रिश्वत की यह मोटी रकम कुछ ही मिनटों में हवाला के जरिए मंगवा ली, जिसने इस पूरे अवैध कारोबार के पीछे चल रहे एक बड़े हवाला नेटवर्क का खुलासा कर दिया है।
नकली दवाओं का काला धंधा, हवाला से होता है भुगतान
यह पूरा मामला आगरा के कोतवाली स्थित फव्वारा बाजार का है, जो नकली दवाओं के अवैध कारोबार का गढ़ बन चुका है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस पूरे धंधे के पीछे एक संगठित हवाला नेटवर्क काम कर रहा है। एसटीएफ की गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी, हिमांशु अग्रवाल की फर्म, ‘हे मां मेडिकल’ के नाम पर यह गोरखधंधा चल रहा था। जब एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने उस पर शिकंजा कसा, तो उसने खुद को बचाने के लिए टीम को ₹1 करोड़ की घूस देने की पेशकश की। उसने दावा किया कि वह इस नेटवर्क में शामिल कई और बड़े नामों का खुलासा करेगा।
रिश्वत के लिए मंगवाए ₹1 करोड़, एसटीएफ ने दबोचा
एसटीएफ की टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। हिमांशु ने टीम को कुछ ही घंटों में एक करोड़ रुपये जुटा लेने का वादा किया। हैरानी की बात यह है कि उसने हवाला के जरिए दो बड़े बैग में यह रकम मंगवा भी ली, जिसे लेने के तुरंत बाद ही उसे रंगेहाथों दबोच लिया गया।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए नोटों में नमी थी, जिससे नोट गिनने वाली मशीन भी फेल हो गई और गिनती हाथ से करनी पड़ी। आरोपी ने पूछताछ में यह तो बताया कि उसने यह रकम हवाला के जरिए मंगवाई थी, लेकिन उसने हवाला कारोबारी के नाम का खुलासा नहीं किया।
2022 में भी सामने आया था नाम, अब एसटीएफ कर रही है गहन जांच
एसटीएफ निरीक्षक यतेंद्र शर्मा के मुताबिक, आरोपी हिमांशु अग्रवाल का नाम साल 2022 में भी गुजरात में पकड़े गए हवाला एजेंटों से जुड़ा था। तब भी आगरा में इस नेटवर्क का खुलासा नहीं हो पाया था, लेकिन अब एसटीएफ इस पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। एसटीएफ ने हिमांशु अग्रवाल से पूछताछ के आधार पर कई और लोगों के नाम भी उजागर किए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।