बेबाक चर्चा
बीजिंग: अमेरिका से व्यापार युद्ध के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बंद कमरे में मुलाकात की। पूरी दुनिया की नजरें इस बैठक पर थीं। भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी का चीन दौरा कूटनीतिक हलकों में तूफान मचा रहा है। जापान में कमाल दिखाने के बाद पीएम मोदी सीधे चीन के तियानजिन शहर पहुंचे, जहां उन्होंने शी जिनपिंग से ‘गुप्त मंत्रणा’ की।
40 मिनट की ‘फ्यूचर डील’
एससीओ शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुई इस बैठक को ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ माना जा रहा है। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच करीब 40 मिनट तक चली इस बातचीत ने वैश्विक राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों पर ही बात नहीं की, बल्कि अमेरिका की टैरिफ नीतियों से पैदा हुए वैश्विक तनाव पर भी चर्चा की।
क्या यह दोनों देश मिलकर अमेरिका के ‘व्यापार युद्ध’ का मुकाबला करने की रणनीति बना रहे हैं? इस बैठक के बाद भारत और चीन के रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।
पुतिन भी मैदान में! ‘बिग थ्री’ की तिकड़ी
पीएम मोदी-जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी चीन पहुंच गए हैं। एससीओ में चीन, भारत और रूस की मौजूदगी इसे एक मजबूत मंच बनाती है। पीएम मोदी एससीओ सम्मेलन के अलावा पुतिन और कई अन्य वैश्विक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि यह तीनों बड़े नेता मिलकर एक नई वैश्विक व्यवस्था की नींव रख सकते हैं।
क्या ‘हांगकांग’ और ‘लद्दाख’ पर भी हुई बात?
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर भी चर्चा होने की संभावना है, जिसने दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी पैदा की थी। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने भारत-चीन आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर भी विचार-विमर्श किया।
क्या यह मुलाकात अमेरिका के लिए एक बड़ा संकेत है? क्या अब भारत और चीन एक-दूसरे के करीब आकर अमेरिका की चुनौतियों का सामना करेंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।