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फतेहपुर: मकबरे को मंदिर बताकर हिंदू संगठनों का हंगामा, तोड़फोड़ और पथराव में कई घायल, 160 पर केस

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बेबाक चर्चा  

फतेहपुर। जिले में एक पुराने मकबरे को ठाकुरद्वारा मंदिर होने का दावा करते हुए सोमवार को हिंदू संगठनों ने जमकर बवाल काटा। भारी हंगामे के बीच कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर परिसर पर धावा बोल दिया और करीब 20 मिनट तक कब्जा जमाए रखा। इस दौरान वहां मौजूद मजारों और कब्रों में तोड़फोड़ की गई और भगवा झंडा फहरा दिया गया। घटना की खबर फैलते ही दूसरे समुदाय के लोग भी मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद दोनों पक्षों में पथराव और मारपीट शुरू हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

पुलिस और प्रशासन ने किसी तरह हालात पर काबू पाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी ने पूरी घटना की रिपोर्ट तलब की है। पुलिस ने इस मामले में 10 नामजद सहित 160 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

क्या है पूरा मामला?

शहर के आबूनगर रेड्डया इलाके में स्थित एक प्राचीन धार्मिक स्थल को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है। मंदिर मठ संरक्षण संघर्ष समिति ने 7 अगस्त को डीएम को ज्ञापन सौंपकर दावा किया था कि यह स्थल प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर है, जहां अवैध रूप से मजारें बना दी गई हैं। इसी के तहत भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल और विहिप नेताओं के आह्वान पर सोमवार को “शुद्धिकरण” और पूजा-पाठ के लिए कार्यकर्ता डाक बंगले के पास कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर सुबह से ही जुटने लगे थे।

बैरिकेडिंग तोड़कर परिसर में घुसे कार्यकर्ता

सुबह करीब 11 बजे, नारेबाजी कर रही उग्र भीड़ ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और 300 से अधिक कार्यकर्ता मकबरे के परिसर में घुस गए। पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद, उन्होंने लाठी-डंडों से मजारों और कब्रों में तोड़फोड़ की, पूजा-अर्चना की और परिसर में भगवा झंडे लगा दिए। करीब 20 मिनट तक यह कब्जा बना रहा।

दोनों पक्षों में पथराव, तनावपूर्ण हालात

मकबरे पर भगवा झंडा देखकर पास में ही मौजूद दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए। इसके बाद दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई जो जल्द ही पथराव में बदल गई। पथराव और भगदड़ में बजरंग दल के संयोजक धर्मेंद्र सिंह समेत कुछ लोग घायल हो गए। मौके पर पहुंचे डीएम रविंद्र सिंह और एसपी अनूप सिंह ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। तनाव बढ़ता देख कौशांबी और बांदा से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

एसपी अनूप सिंह ने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। परिसर से झंडे हटा दिए गए हैं और शांति व्यवस्था के लिए 10 थानों की फोर्स के साथ एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। पुलिस ने भाजपा के जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह, सभासद रितिक पाल समेत 10 लोगों को नामजद करते हुए 160 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। डीएम रविंद्र सिंह ने कहा कि पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है और शांति बहाली पहली प्राथमिकता है। वहीं, एडीजी संजीव गुप्ता ने मौके का मुआयना कर सुरक्षा में चूक को लेकर स्थानीय अधिकारियों पर नाराजगी जताई।

खुफिया रिपोर्ट को नजरअंदाज करना पड़ा भारी

सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) ने पहले ही इस तरह की घटना की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया था। लेकिन प्रशासन द्वारा इसे गंभीरता से न लेने और मकबरे के पास पर्याप्त पुलिस बल तैनात न करने के कारण यह बड़ी घटना घटित हुई।

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