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# नैनीताल के रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 27 लाख की ठगी, साइबर अपराधियों ने किया ‘डिजिटल अरेस्ट’

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बेबाक चर्चा

**नैनीताल:** साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया और चौंकाने वाला तरीका अपनाया है। इस बार उन्होंने नैनीताल के एक सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उनसे 27 लाख रुपये की बड़ी धोखाधड़ी की है। यह घटना नैनीताल जिले के कालाढूंगी की है, जहाँ उत्तराखंड कोऑपरेटिव बैंक से रिटायर हुए लोकमणी नोडियाल को निशाना बनाया गया।

### क्या है पूरा मामला?

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, 30 अगस्त को लोकमणी नोडियाल को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को **मुंबई साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी** बताया और कहा कि उनके नाम से चल रहे एक मोबाइल सिम से आपत्तिजनक वीडियो भेजे गए हैं। इसके बाद उन्हें बताया गया कि उनके केनरा बैंक के खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए 3 करोड़ रुपये आए हैं, और इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

### ऐसे फँसाया जाल में

ठगों ने लोकमणी नोडियाल को डराने के लिए एक **फर्जी अरेस्ट वारंट** और एक केनरा बैंक का एटीएम कार्ड भेजा। इसके बाद उन्होंने ‘सत्यापन’ के नाम पर उन्हें **डिजिटल अरेस्ट** कर लिया। इसका मतलब था कि उन्हें लगातार कॉल पर व्यस्त रखा गया और परिवार के किसी भी सदस्य या अन्य व्यक्ति से बात करने से मना कर दिया गया। एक सितंबर को, ठगों ने उनसे एक दिए गए बैंक खाते में 27 लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा। डर के मारे पीड़ित ने तुरंत पैसे भेज दिए।

 

जब ठगों ने और पैसों की माँग की, तब लोकमणी नोडियाल को शक हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने तुरंत 3 सितंबर को साइबर क्राइम हेल्प पोर्टल नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई।

 

साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस उस बैंक खाते का ब्योरा मँगवा रही है जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। यह घटना एक बार फिर बताती है कि साइबर अपराधी लगातार अपने तरीकों को बदल रहे हैं, और लोगों को ऐसे फर्जी कॉल और धमकियों से सावधान रहने की जरूरत है।

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