बेबाक चर्चा
**सुकमा, छत्तीसगढ़:** इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक **सनसनीखेज वारदात** सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। सुकमा जिले के पाकेला स्थित पोटाकेबिन छात्रावास में आपसी रंजिश की आग ने **मासूमों की जान लेने की साजिश** रची। आरोप है कि शिक्षक और अधीक्षक की आपसी दुश्मनी ने इतना खतरनाक मोड़ ले लिया कि बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन में **तेज जहरीला फिनाइल** मिला दिया गया।
### **बच्चों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा**
सोमवार को जब छात्रावास में बच्चों को भोजन परोसा गया, तो खाने से **फिनाइल की तीखी और जहरीली गंध** आ रही थी। बच्चों ने तुरंत इस बात को भांप लिया और समझदारी दिखाते हुए खाने से मना कर दिया। उन्होंने फौरन इसकी जानकारी स्टाफ को दी। बच्चों की इसी सतर्कता और हिम्मत की वजह से **426 जिंदगियां बाल-बाल बच गईं**, वरना एक छोटी सी लापरवाही भी एक **बड़ा नरसंहार** बन सकती थी
### **हड़कंप और जांच के आदेश**
जैसे ही यह भयानक घटना सामने आई, छात्रावास परिसर में **हड़कंप मच गया**। तुरंत दूषित भोजन को नष्ट किया गया और उच्चाधिकारियों को खबर दी गई। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। शिक्षा संस्थानों में इस तरह की **जानलेवा साजिश** अब तक का सबसे चौंकाने वाला मामला है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक **उच्च स्तरीय जांच समिति** का गठन किया है। टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्चों और कर्मचारियों से पूछताछ की और प्रारंभिक सबूत जुटाए हैं। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि **बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा**। जांच समिति से **48 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट** मांगी गई है, जिसके आधार पर **कठोर कानूनी कार्रवाई** की जाएगी।
यह घटना जहां बच्चों की समझदारी का बेहतरीन उदाहरण है, वहीं इसने यह भी दिखा दिया है कि हमारे शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा कितनी कमजोर है। अब यह जरूरी है कि छात्रावासों और विद्यालयों में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को और भी ज्यादा मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की **भयावह घटनाएं** दोबारा न हो सकें।