Headline
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED का बड़ा आरोप, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य सिंडिकेट के ‘सरगना’ थे
बरेली में नकली दवाओं का बड़ा रैकेट, 12 थोक विक्रेताओं पर शक की सुई
गोरखपुर: पशु तस्करों ने छात्र की हत्या की, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा और पथराव
बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़, 5 बाइक के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार
रुद्रपुर: UP से तस्करी कर लाई जा रही शराब पकड़ी, फिल्मी स्टाइल में पीछा कर तस्कर गिरफ्तार
हजारीबाग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, ₹1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर ढेर
इंदौर में ‘काल’ बनकर दौड़ा बेकाबू ट्रक, सात से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका
किच्छा फायर बिग्रेड स्टेशन हेतु 4 करोड़ की मिली वित्तीय स्वीकृति –बेहड़
पंतनगर यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्र ने फांसी लगाकर दी जान, छात्रावास में मचा हड़कंप

दिल्ली: नकली जीवन रक्षक दवाओं के बड़े रैकेट का भंडाफोड़, सरगना समेत 6 गिरफ्तार

Spread the love

बेबाक चर्चा  

 

नई दिल्ली, 7 अगस्त, 2025: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो जॉनसन एंड जॉनसन और जीएसके जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों की नकली जीवन रक्षक दवाएं बनाकर उत्तर भारत में बेच रहा था। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है और हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में चल रही इनकी फैक्ट्रियों से भारी मात्रा में नकली दवाएं और बनाने की मशीनरी जब्त की है।

गुप्त सूचना पर पुलिस ने बिछाया जाल

अपराध शाखा के डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि इंस्पेक्टर पवन कुमार की टीम को इस गिरोह के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। पुलिस ने दवा कंपनियों (जीएसके और जॉनसन एंड जॉनसन) के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर 30 जुलाई को दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में जाल बिछाया। यहां एक वैगनआर कार से मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम को नकली दवाओं की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया। कंपनी प्रतिनिधियों और प्रयोगशाला जांच में दवाओं के नकली होने की पुष्टि होते ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया।

फेसबुक से ढूंढते थे ग्राहक, ऐसे चलता था नेटवर्क

यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था। जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए नए ग्राहकों और सप्लायर से संपर्क करते थे।

  • सरगना: यूपी के गोरखपुर का रहने वाला राजेश मिश्रा इस पूरे सिंडिकेट का सरगना है। दवा निर्माण में अपने पुराने अनुभव का इस्तेमाल कर वह पैकेजिंग से लेकर दवा बनाने तक का पूरा ऑपरेशन संभालता था।
  • निर्माण इकाइयां: हरियाणा के जींद में परमानंद “महालक्ष्मी फार्मा” नाम से एक गुप्त फैक्ट्री चला रहा था, जहाँ नकली अल्ट्रासेट गोलियां बनती थीं। वहीं, हिमाचल प्रदेश के बद्दी और परवाणू में भी पैकिंग और निर्माण का काम होता था।
  • वितरण: दवाइयां बनने के बाद इन्हें कूरियर और निजी वाहनों से उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत पूरे उत्तर भारत में भेजा जाता था। इन्हें विश्वसनीय मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप डॉक्टरों के जरिए बेचा जाता था।
  • भुगतान: आरोपी डिजिटल वॉलेट और बारकोड से भुगतान लेते थे और सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।

गिरोह के सदस्यों की भूमिका

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की भूमिकाएं तय थीं:

  • राजेश मिश्रा: सरगना और मुख्य साजिशकर्ता।
  • मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम: दिल्ली-एनसीआर में दवाओं के मुख्य ट्रांसपोर्टर और वितरक।
  • मोहम्मद जुवैर: आलम और सलीम को नकली दवाओं की सप्लाई करता था।
  • प्रेम शंकर प्रजापति: प्रमुख मध्यस्थ और ट्रांसपोर्टर।
  • परमानंद: जींद स्थित नकली दवा फैक्ट्री का मालिक।

भारी मात्रा में नकली दवाएं और मशीनरी जब्त

पुलिस ने गिरोह के कब्जे से भारी मात्रा में नकली दवाएं, कैप्सूल, क्रीम और इंजेक्शन बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अल्ट्रासेट (जॉनसन एंड जॉनसन): 9,015 गोलियां
  • ऑगमेंटिन 625 (जीएसके): 6,100 गोलियां
  • क्लैवम 625: 18,800 गोलियां
  • एमोक्सिसिलिन: 25,650 कैप्सूल

इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्री से दवा पैकिंग की भारी मशीनें, 150 किलो खुली गोलियां, 20 किलो खुले कैप्सूल और दवाओं के हजारों खाली डिब्बे भी बरामद किए गए हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top