रुद्रपुर। बेबाक चर्चा
ग्रीष्मकालीन धान की खेती को लेकर जिलाधिकारी ने एक बड़ा कदम उठाया है। उधम सिंह नगर जिले में जिलाािधकारी उदयराज सिंह ने ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध लगाने की मुख्य वजह तेजी से गिर रहा जलस्तर और मृदा की गुणवत्ता प्रभावित होना है।
जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि जिले में 1.08 लाख हैक्टेयर में खरीफ मौसम में मुख्य रूप से धान की खेती की जाती है। लगभग 20 से 22 हजार हैक्टेयर में ग्रीष्मकालीन धान की खेती की जाती है। ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने से जलस्तर का गिरना और जल और मृदा की गुणवत्ता प्रभावित होने की समस्या सामने आ रही है। खरीफ की मुख्य फसल धान में कीट एंव रोगों का प्रकोप अधिक होने से मुख्य फसल के उत्पादन लागत में काफी वृद्धि होना एवं फसल में रसायन अवशिष्ट का अधिक हो जाना आदि विभिन्न प्रकार से पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है। उन्होने बताया कि जनपद के तीन विकास खण्ड जसपुर, काशीपुर, बाजपुर रेड जोन में हैं। जहां पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जनपद के अन्य विकास खण्डों का भी जल स्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो समस्त जनपद में भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चले जाने की अत्यधिक सम्भावना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रीष्मकालीन धान की खेती को रोकने एवं विकल्प के रूप में अन्य फसलों जैसे ग्रीष्मकालीन मक्का एवं गन्ना फसल की पैदावार को बढ़ावा दिये जाने हेतु जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा दिनांक 16 मई 2024ए 27 अगस्त 2024, 12 सितम्बर 2024 एवं 18 अक्टूबर 2024 को जनपद में कृषकों एवं कृषक संगठनों के साथ बैठकें आयोजित की गयींए जिसमें जनपद के विभागीय अधिकारियों एवं विभिन्न संस्थानो से आये वैज्ञानिकों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का लगाने को लेकर कृषकों एवं कृषक संगठनों के द्वारा सुझाव दिये गये हैं कि मक्का उत्पादन हेतु मक्का बीज, बुबाई व कटाई हेतु यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध कराया जाय, कटाई के समय नमी प्रतिशत अधिक होने पर भी विक्रय सुनिश्चित किया जाये तो कृषक ग्रीष्मकालीन धान की खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती कर सकते हैं। उन्होने बताया कि ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मक्का फसल की विक्रय व्यवस्था हेतु जनपद में स्थापित ईथेनोल उत्पादक फर्म के साथ चर्चा कर फर्म के द्वारा मक्के की गुणवत्ता के आधार पर भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का 14 प्रतिशत पर क्रय करने की सहमति प्रदान की गयी। जिसके लिये कृषक एवं ईथेनोल उत्पादक फर्म के मध्य एम०ओ०यू० किये जा रहे है। गन्ने की फसल को बढ़ावा दिये जाने हेतु वर्तमान में जनपद में स्थापित चीनी मिलों को उच्चिकृत किया गया है एवं चीनी मिलों द्वारा कृषकों को समय पर उनके उत्पाद का भुगतान किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। ग्रीष्मकालीन हाइब्रिड मक्का फसल की पैदावार को बढ़ावा दिये जाने हेतु मक्के की बुवाई से लेकर उसकी कटाई में प्रयोग होने वाले यंत्रों को कृषकों को उपलब्ध कराये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 को जनपद में कृषकों एवं कृषक संगठनों के साथ आयोजित बैठक में इस सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी एवं बैठक में उपस्थित समस्त कृषकों एवं कृषक संगठनों द्वारा ग्रीष्मकालीन धान की खेती न करने हेतु संकल्प भी लिया गया।