Headline
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED का बड़ा आरोप, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य सिंडिकेट के ‘सरगना’ थे
बरेली में नकली दवाओं का बड़ा रैकेट, 12 थोक विक्रेताओं पर शक की सुई
गोरखपुर: पशु तस्करों ने छात्र की हत्या की, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा और पथराव
बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़, 5 बाइक के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार
रुद्रपुर: UP से तस्करी कर लाई जा रही शराब पकड़ी, फिल्मी स्टाइल में पीछा कर तस्कर गिरफ्तार
हजारीबाग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, ₹1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर ढेर
इंदौर में ‘काल’ बनकर दौड़ा बेकाबू ट्रक, सात से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका
किच्छा फायर बिग्रेड स्टेशन हेतु 4 करोड़ की मिली वित्तीय स्वीकृति –बेहड़
पंतनगर यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्र ने फांसी लगाकर दी जान, छात्रावास में मचा हड़कंप

FIDE विश्व कप: दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनीं, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी बनाई जगह

Spread the love

बेबाक चर्चा  

 

नई दिल्ली: भारत की 19 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व शतरंज कप में इतिहास रच दिया है। उन्होंने सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को हराकर 1.5-0.5 के स्कोर से मिनी मैच जीत लिया और फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।

यह जीत ऐतिहासिक है क्योंकि इसके साथ ही दिव्या अगले साल होने वाले प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी बन गई हैं। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के विजेता को मौजूदा विश्व चैंपियन वेनजुन जू को चुनौती देने का मौका मिलता है। दिलचस्प बात यह है कि दिव्या पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं और अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने यह कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।

सेमीफाइनल में दिखाया दम, 101 चालों में दी मात

क्वार्टर फाइनल में चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जोनर झू और हमवतन डी. हरिका जैसी दिग्गज खिलाड़ियों को हराने के बाद दिव्या ने अपनी शानदार फॉर्म बरकरार रखी। उन्होंने पूर्व विश्व चैंपियन टैन के खिलाफ जबरदस्त धैर्य और कौशल का प्रदर्शन करते हुए 101 चालों में जीत दर्ज की।

वहीं, दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की एक अन्य उम्मीद कोनेरू हम्पी ने चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ 75 चालों के बाद बाजी ड्रॉ खेली। अब हम्पी और लेई के बीच विजेता का फैसला टाई-ब्रेकर के जरिए होगा।

नागपुर की बेटी का विश्व पटल पर दबदबा

9 दिसंबर 2005 को नागपुर के एक डॉक्टर परिवार में जन्मीं दिव्या ने महज पांच साल की उम्र में शतरंज की चालें चलनी शुरू कर दी थीं। उनकी प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि:

  • 2012: सात साल की उम्र में अंडर-7 राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती।
  • 2014-2017: अंडर-10 और अंडर-12 वर्ग में विश्व युवा खिताब अपने नाम किए।
  • 2021: देश की 22वीं महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) बनीं।
  • 2023: इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब हासिल किया।
  • 2024: विश्व जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।

इसके अलावा, दिव्या 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली टीम की भी एक महत्वपूर्ण सदस्य थीं।

जब दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी को चटा दी थी धूल

दिव्या की सबसे बड़ी जीतों में से एक इस साल तब आई जब उन्होंने फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की होउ यिफान को हराया था। इस शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सराहना की थी। चेन्नई में जीएम आरबी रमेश के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने वाली दिव्या को उनकी तेज सामरिक दृष्टि और रचनात्मक खेल के लिए जाना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top