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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले का पर्दाफाश करते हुए रोशन सलदान्हा और उसकी पत्नी डैफनी नीतू डिसूजा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने आरोपियों की 9.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है, जिसमें 5 मछली पकड़ने वाली नावें और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है।
आरोप है कि रोशन सलदान्हा ने व्यापारियों को सस्ते लोन का झांसा देकर फर्जी कंपनियों के जरिए 39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
कैसे दिया गया धोखाधड़ी को अंजाम?
ईडी की जांच, जो कई एफआईआर पर आधारित है, में सामने आया कि रोशन सलदान्हा और उसके साथियों ने व्यापारियों को कम ब्याज दरों पर ऋण दिलाने का वादा किया। इस वादे की आड़ में, उन्होंने ‘स्टांप ड्यूटी’ के नाम पर अपनी नव-निर्मित फर्जी कंपनियों के खातों में लगभग 39 करोड़ रुपये जमा करवा लिए, लेकिन व्यापारियों को कोई ऋण नहीं दिया।
ED की छापेमारी में हुआ खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय के मैंगलोर उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने इस मामले में मैंगलोर स्थित 5 परिसरों पर छापेमारी की। तलाशी अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डायरियां जब्त की गईं, जिनसे इस धोखाधड़ी में रोशन सलदान्हा, उसकी पत्नी और अन्य सहयोगियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई। मुख्य आरोपी रोशन सलदान्हा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
धोखाधड़ी के पैसे से खरीदी नावें
जांच में पता चला कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से जुटाए गए 39 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपने निजी और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया। ईडी ने पाया कि रोशन सलदान्हा ने अपराध की आय में से 5.75 करोड़ रुपये का उपयोग अपनी पत्नी डैफनी के नाम पर मछली पकड़ने वाली पांच नावें खरीदने के लिए किया था, ताकि काले धन को सफेद किया जा सके।
कुल 9.5 करोड़ की संपत्ति जब्त
ईडी ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों में जमा 3.75 करोड़ रुपये की धनराशि फ्रीज कर दी है। इसके अलावा, 5.75 करोड़ रुपये मूल्य की पांचों मछली पकड़ने वाली नावों को भी जब्त कर लिया गया है। इस प्रकार, मामले में अब तक कुल 9.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। मामले में आगे की जांच जारी है।