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काशीपुर। विदेश में उच्च शिक्षा का सपना दिखाकर एक युवती और उसके परिवार से साढ़े 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपियों ने साजिश के तहत फर्जी ऑफर लेटर, फीस की रसीदें और यहां तक कि एक नकली वीजा तक तैयार कर युवती को सौंप दिया। जब परिवार ने टिकट बुक कराने के लिए वीजा की जांच कराई तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ। अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने दो महिलाओं समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला जसपुर खुर्द का है, जहां के निवासी रणवीर सिंह ने अदालत में इस बाबत एक प्रार्थना पत्र दायर किया था। उन्होंने बताया कि वह अपनी भांजी अमनप्रीत कौर को उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड किंगडम (यूके) भेजना चाहते थे। इसी दौरान उनकी पारिवारिक मित्र जसविंदर कौर ने उनकी मुलाकात अपने भतीजे गुरजंट सिंह से कराई, जो उत्तर प्रदेश के बिलासपुर, रामपुर स्थित सिकरौरा का निवासी है। गुरजंट अपनी पत्नी सुखदीप कौर के साथ मिलकर लोगों को विदेश भेजने का काम करता है।
रणवीर सिंह के अनुसार, गुरजंट सिंह, उसके पिता साहब सिंह चीमा, पत्नी सुखदीप कौर, बुआ जसविंदर कौर और फूफा गुरप्रीत सिंह ने मिलकर अमनप्रीत को यूके भेजने का पूरा भरोसा दिलाया। विश्वास जमाने के लिए आरोपियों ने अमनप्रीत के सभी मूल दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, मार्कशीट और आधार कार्ड भी अपने पास रख लिए। कुछ समय बाद, उन्होंने यूके की बजाय ऑस्ट्रेलिया का एक वीजा देकर युवती को भेजने की तैयारी शुरू कर दी।
ठगी का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित परिवार टिकट बुक कराने के लिए वीजा की जांच करवाने पहुंचा। जांच में पता चला कि वीजा पूरी तरह से नकली और कूटरचित है। रणवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने इन पांचों आरोपियों को किश्तों में कुल 11.50 लाख रुपये दिए थे। जब उन्होंने नकली वीजा का हवाला देकर अपनी रकम वापस मांगी, तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित परिवार ने बताया कि इस धोखाधड़ी के संबंध में उन्होंने एसएसपी, डीआईजी, आईजी और मुख्यमंत्री तक को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायती पत्र भेजे थे, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अदालत के हस्तक्षेप के बाद अब पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है।