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आगरा। उत्तर प्रदेश का आगरा शहर अब नकली दवाओं के एक बड़े सिंडिकेट का गढ़ बन गया है। अब तक की जांच में करोड़ों के इस ‘काले कारोबार’ का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 40 से ज्यादा दवा विक्रेता और कई राज्यों का कनेक्शन सामने आया है। अधिकारियों का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, अभी 10 फीसदी ही कार्रवाई हुई है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अपर आयुक्त **रेखा एस. चौहान** ने बताया कि चार गोदामों की जांच के बाद ही **71 करोड़ रुपये की नकली दवाएं** जब्त की गई हैं। यह सिंडिकेट इतना शातिर है कि इसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कई बड़े नामों की संलिप्तता सामने आई है।
### **खुफिया जांच के दायरे में और गोदाम**
अधिकारियों के मुताबिक, इस गोरखधंधे में दवा विक्रेताओं से लेकर कुरियर कंपनी के कर्मचारी तक शामिल हैं। गिरोह ने जांच को भटकाने के लिए एक ही बिल को कई बार दिखाया और फर्जी फर्म भी बनाई हैं। खुफिया एजेंसियों को 5 और गोदामों के बारे में इनपुट मिला है, जिनकी खुफिया जांच चल रही है।
माफिया मोटी रकम देकर घनी आबादी वाले इलाकों या दूरदराज के क्षेत्रों में गोदाम किराए पर ले रहे थे, ताकि उन पर किसी को शक न हो। पुलिस अब इन सभी ठिकानों की तलाश में जुटी है। इस बड़े खुलासे से पूरे उत्तर भारत में नकली दवा का कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है।