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दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में अखल के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ आज पांचवें दिन भी जारी है। शुक्रवार से शुरू हुए इस भीषण ऑपरेशन में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
माना जा रहा है कि जंगलों में छिपे आतंकी hoसकते हैं, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस और गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित हैं। उनकी मौजूदगी के कारण सुरक्षाबलों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऊंचाई पर छिपे आतंकियों के लिए हेलीकॉप्टर और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल
यह ऑपरेशन शुक्रवार (1 अगस्त) देर शाम को उस समय शुरू हुआ जब सेना को देवसर के अखल जंगल में चार से पांच आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली। सेना की 9 राष्ट्रीय राइफल्स (RR), जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और CRPF ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान छिपे हुए आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, इलाका बेहद दुर्गम और घना जंगली होने के कारण ऑपरेशन में अधिक समय लग रहा है। आतंकी ऊंचाई पर छिपे हुए हैं, जिससे सुरक्षाबलों के लिए सटीक निशाना लगाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। आतंकियों के सफाए के लिए सेना के स्पेशल पैरा फोर्स के कमांडो को भी मैदान में उतारा गया है। ड्रोन और ‘रुद्र’ अटैक हेलीकॉप्टरों से लगातार निगरानी की जा रही है, साथ ही आतंकियों के ठिकानों पर रॉकेट लॉन्चर भी दागे जा रहे हैं।
एक आतंकी की हुई शिनाख्त
वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक दो आतंकी मारे जा चुके हैं। इनमें से एक की पहचान पुलवामा के कच्चीपोरा निवासी हारिस नजीर के रूप में हुई है। उसके कब्जे से एक एके-47 राइफल, मैगजीन और हथगोले बरामद हुए हैं। घायल हुए चार जवानों का इलाज चल रहा है। सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर ही कैंप कर रहे हैं और पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।
यह पिछले एक साल में घाटी में आतंकियों के खिलाफ चलने वाला सबसे लंबा ऑपरेशन है। इससे पहले हाल ही में श्रीनगर के दाछीगाम में एक ऑपरेशन के दौरान लश्कर के एक कमांडर समेत तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया था।