बेबाक चर्चा
गुवाहाटी/गोलाघाट। असम सरकार ने असम-नागालैंड सीमा पर स्थित गोलाघाट जिले के रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट में एक बड़े बेदखली अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का लक्ष्य जंगल की लगभग 3,600 एकड़ (करीब 11,000 बीघा) जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराना है। इस क्षेत्र में करीब 2,000 परिवारों ने अवैध रूप से बसावट कर रखी थी।
प्रशासन ने 1500 परिवारों को भेजा था नोटिस
जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उरियमघाट क्षेत्र में स्थित इस विशाल वन भूमि पर लगभग 2,000 परिवारों का अवैध कब्जा था। इनमें से लगभग 1,500 परिवारों को प्रशासन द्वारा पहले ही नोटिस जारी कर जमीन खाली करने को कहा गया था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बाकी के परिवार फॉरेस्ट राइट्स कमेटी (FRC) से प्राप्त प्रमाणपत्रों के आधार पर कानूनी रूप से यहां रह रहे हैं और उन्हें नहीं हटाया जा रहा है।
शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है कार्रवाई
यह बेदखली अभियान बिद्यापुर बाजार क्षेत्र से शुरू किया गया, जिसके बाद रिहायशी इलाकों में बने अवैध घरों को तोड़ा जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि लगभग 80% लोग नोटिस मिलने के बाद पहले ही अपने घर खाली कर चुके थे, और अब केवल खाली ढांचों को गिराया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं।
वहीं, कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन परिवारों के घर तोड़े जा रहे हैं, वे मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि जिन्हें रहने दिया गया है, वे बोडो, नेपाली और अन्य समुदायों से आते हैं। प्रशासन ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है और अभियान को पूरी तरह से अवैध कब्जे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बताया है।