बेबाक चर्चा
**पणजी, गोवा:** प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोवा में एक बड़े बैंकिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में **गुंडू केल्वेकर** और **हेमंत रायकर** पर नकली सोने के जरिए बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लेने का आरोप है। ईडी ने अब तक **2.63 करोड़ रुपये** की आपराधिक आय का पता लगाया है, जो अकेले यूको बैंक से की गई धोखाधड़ी से जुड़ी है।
### कैसे दिया गया अंजाम?
यह धोखाधड़ी बेहद सुनियोजित तरीके से की गई। आरोपियों ने धातु पर पीले रंग की प्लेटिंग करके उसे सोने का रूप दिया और फिर उसे असली सोना बताकर बैंकों से गोल्ड लोन लिया। ईडी ने 5 सितंबर, 2025 को पणजी में कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें गुंडू केल्वेकर और हेमंत रायकर के घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल थे।
इस मामले की जांच उत्तरी गोवा के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। एफआईआर में कहा गया था कि गुंडू केल्वेकर ने यूको बैंक के गोल्ड वैल्यूअर (स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता) हेमंत रायकर के साथ मिलकर वेरना, फतोर्दा और मडगांव शाखाओं से कई बार धोखाधड़ी करके लोन लिया। गुंडू की पत्नी **मयूरी गुंडू केल्वेकर** ने भी इस अपराध में सक्रिय भूमिका निभाई।
### मनी लॉन्ड्रिंग और पैसों का खेल
जांच में सामने आया कि 2019 से 2023 के बीच आरोपियों ने कई खातों के नाम पर लोन लिया और तुरंत ही रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद पैसों का एक बड़ा हिस्सा नकद निकाल लिया गया। ईडी के अनुसार, गुंडू ने 79.65 लाख रुपये और उनकी पत्नी ने 48.75 लाख रुपये नकद निकाले।
ईडी ने यह भी पाया कि इस आपराधिक आय को वैध दिखाने के लिए कुछ राशि बुलियन डीलरों और अन्य संस्थानों को भेजी गई। इस प्रक्रिया को **मनी लॉन्ड्रिंग** कहा जाता है, जो पीएमएलए कानून के तहत एक गंभीर अपराध है।
### अन्य बैंक भी निशाने पर
ईडी की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि यह धोखाधड़ी सिर्फ यूको बैंक तक सीमित नहीं थी। आरोपियों ने इसी तरीके का इस्तेमाल करके कई अन्य सरकारी और सहकारी बैंकों को भी चूना लगाया है। फिलहाल, ईडी ने जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है।
ईडी अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ा बैंकिंग घोटाला है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या बैंक के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी इस धोखाधड़ी में शामिल थी।