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मनसा देवी हादसे से सबक: CM धामी का निर्देश, अब क्षमता के अनुसार ही धार्मिक स्थलों में मिलेगा प्रवेश

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बेबाक चर्चा  

देहरादून। हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। अब इन स्थलों पर श्रद्धालुओं को उनकी धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

सोमवार को एफटीआई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरिद्वार में हुआ हादसा बेहद दुखद है। इसे देखते हुए अधिकारियों को प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाएं तत्काल सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “जहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं, वहां स्थलों का संभावित विस्तार करने, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने को प्राथमिकता दी जा रही है।”

पंचायत चुनाव पर भी बोले मुख्यमंत्री

इस दौरान मुख्यमंत्री ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर प्रदेश की जनता में अभूतपूर्व उत्साह है और मतदाताओं ने गांवों की सरकार चुनने में विशेष जागरूकता दिखाई है, जिसके चलते पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई है।

कुमाऊं के इन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर रहेगी विशेष नजर

 

सरकार के इस निर्देश के बाद कुमाऊं के उन धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाएं और सख्त की जाएंगी, जहां साल भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इनमें प्रमुख हैं:

  1. कैंची धाम (नैनीताल): बाबा नीब करौरी महाराज के इस आश्रम में रोजाना औसतन 10-12 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। 15 जून को स्थापना दिवस पर यह संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है।
  2. जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा): 124 मंदिरों के इस समूह को ‘हिमालय का काशी’ भी कहा जाता है। श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है।
  3. चितई गोलू मंदिर (अल्मोड़ा): ‘घंटियों वाले मंदिर’ के रूप में प्रसिद्ध इस धाम में रोजाना औसतन 4-5 हजार श्रद्धालु अपनी फरियाद लेकर आते हैं।
  4. हाट कालिका मंदिर (गंगोलीहाट): सैनिकों की आस्था के केंद्र इस शक्तिपीठ में नवरात्रि और विशेष पर्वों पर भक्तों का तांता लगता है।
  5. पूर्णागिरी धाम (चंपावत): 51 शक्तिपीठों में से एक माने जाने वाले इस धाम में चैत्र नवरात्र के दौरान लगने वाले मेले में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं।
  6. गर्जिया मंदिर (रामनगर): कोसी नदी के टीले पर स्थित इस मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा और नवरात्र जैसे अवसरों पर भारी भीड़ जुटती है।

अतिक्रमणकारी स्वयं हटा लें अवैध निर्माण: CM धामी

मुख्यमंत्री ने सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को लेकर भी सरकार का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं कि वे स्वयं ही अवैध निर्माण हटा लें, अन्यथा सरकारी अभियान के तहत उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है।

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