बेबाक चर्चा
**लखनऊ:** उत्तर प्रदेश में साल 2016 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। एक ही नाम पर कई-कई लोगों को नौकरी दी गई और उन्होंने सालों तक सरकार से वेतन भी लिया। पहले **’अर्पित’** के नाम पर छह लोगों द्वारा नौकरी लेने का मामला सामने आया था, और अब यह पता चला है कि **’अंकुर’** के नाम पर दो और **’अंकित’** के नाम पर छह और लोगों को भी फर्जी तरीके से नौकरी मिली है।
### एक ही नाम, कई चेहरे
यह घोटाला तब सामने आया जब स्वास्थ्य महानिदेशालय को मिली सूची की जाँच की गई।
* **’अंकुर’ का फर्जीवाड़ा:** मैनपुरी के रहने वाले अंकुर पुत्र नीतू मिश्रा के नाम पर दो अलग-अलग लोगों ने नौकरी ली। दोनों की जन्मतिथि अलग-अलग है, लेकिन ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर दोनों का मूल पता मैनपुरी दर्ज है। एक अंकुर मैनपुरी में, तो दूसरा मुजफ्फरपुर के शाहपुर सीएचसी में कार्यरत है।
* **’अंकित’ का जाल:** हरदोई के अंकित सिंह पुत्र राम सिंह के नाम पर पांच और लोगों ने नौकरी पाई। ये सभी अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं, जैसे लखीमपुर, गोंडा, बदायूं, आजमगढ़ और ललितपुर। इनमें से बदायूं में तैनात एक फर्जी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि आजमगढ़ और ललितपुर वाले खुद ही गायब हो गए।
### जाँच शुरू होते ही भागे फर्जी कर्मचारी
उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर मामले की जाँच शुरू होते ही फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारी फरार हो गए हैं।
* **फर्रुखाबाद में ‘अर्पित’** नाम से नौकरी कर रहा व्यक्ति एटा का निवासी निकला, जिसका असली नाम अजीत है। वह जाँच शुरू होते ही गायब हो गया।
* **बलरामपुर और बदायूँ** में तैनात ‘अर्पित’ भी अचानक गायब हो गए हैं और उनके मोबाइल बंद आ रहे हैं।
* **रामपुर** में कार्यरत ‘अर्पित’ भी फरार है, जबकि बाँदा में तैनात एक अन्य ‘अर्पित’ पर 2017 में ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
### आधार कार्ड भी फर्जी होने का शक
पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक बद्री विशाल ने आशंका जताई है कि फर्जी कर्मचारियों के आधार कार्ड भी नकली हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि नौकरी ज्वाइन करते समय पहचान पत्र और बैंक खाते का सत्यापन होता है, जिसमें लापरवाही बरती गई है। इन फर्जी टेक्नीशियनों ने करीब 9 साल तक वेतन उठाया है, और अब विभाग के सामने वेतन की रिकवरी एक बड़ी चुनौती है।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, डॉ. रतनपाल सुमन ने बताया कि मामले की जाँच तेजी से चल रही है और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फर्जी कर्मचारियों की जगह खाली घोषित कर नई भर्ती में समायोजित किया जाएगा।