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मुंबई/मैसूर। मुंबई पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पड़ोसी राज्य कर्नाटक के मैसूर में एक मेफेड्रोन (MD) बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा है। इस पूरी कार्रवाई में अब तक कुल 390 करोड़ रुपये मूल्य की 192 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की गई है और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह फैक्ट्री मैसूर में रिंग रोड के किनारे एक होटल और गैरेज की आड़ में चलाई जा रही थी। यहां से ड्रग्स बनाकर मुंबई और आसपास के जिलों में तस्करी की जाती थी।
एक छोटी सी गिरफ्तारी से हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस उपायुक्त (जोन 10) दत्ता नलावडे ने सोमवार को बताया कि इस पूरे रैकेट का खुलासा इस साल अप्रैल में हुई एक छोटी सी गिरफ्तारी से हुआ।
- पहला सुराग: पुलिस ने पश्चिमी मुंबई के साकीनाका से एक व्यक्ति को 52 ग्राम मेफेड्रोन के साथ पकड़ा था।
- बढ़ती गई जांच: उससे हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने तीन और लोगों को दबोचा, जिनसे 8 करोड़ रुपये मूल्य की 4.53 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद हुई।
- मुख्य आरोपी तक पहुंची पुलिस: इस रैकेट की जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने 25 जुलाई को बांद्रा रिक्लेमेशन से मुख्य आरोपी सलीम इम्तियाज शेख उर्फ सलीम लांडगा (45) को गिरफ्तार किया।
सलीम लांडगा ने खोला फैक्ट्री का राज
डीसीपी नलावडे के अनुसार, सलीम लांडगा ही पुलिस को मैसूर स्थित ड्रग्स फैक्ट्री तक ले गया। 26 जुलाई को मुंबई पुलिस की टीम ने मैसूर में छापा मारा। बाहर से यह इमारत एक होटल और गैरेज जैसी दिखती थी, लेकिन अंदर मेफेड्रोन बनाने की पूरी यूनिट चल रही थी। मैसूर की इस कार्रवाई में सलीम के अलावा तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया।
और गिरफ्तारियों की संभावना
पुलिस ने बताया कि यह एक बहुत बड़ी चेन है और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इन लोगों को मेफेड्रोन बनाने का फॉर्मूला कहां से मिला। अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आठ आरोपियों (जिनमें से पांच मुंबई के हैं) पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (NDPS) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।