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उत्तराखंड में नकली दवाओं के खिलाफ ‘ऑपरेशन क्लीन’ शुरू, भारत-नेपाल सीमा पर विशेष निगरानी

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बेबाक चर्चा  

रुद्रपुर, 19 जुलाई: उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आज (शनिवार) से प्रदेशभर में ‘ऑपरेशन क्लीन’ अभियान का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े निर्देशों के बाद, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नकली, अधोमानक और मादक दवाओं के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए यह बड़ी कार्रवाई शुरू की है।

इस अभियान के तहत प्रदेश की फार्मा कंपनियों, थोक और फुटकर दवा विक्रेताओं की दुकानों पर ताबड़तोड़ निरीक्षण कर दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। गड़बड़ी पाए जाने पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

क्विक रिस्पांस टीम (QRT) का गठन

अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देशन में एक आठ सदस्यीय क्विक रिस्पांस टीम (QRT) का गठन किया गया है। सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी की अध्यक्षता वाली इस टीम में मुख्यालय और विभिन्न जिलों के वरिष्ठ औषधि निरीक्षक शामिल हैं। यह टीम नकली दवाओं के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पैनी नजर रखेगी।

सीमावर्ती क्षेत्रों पर खास फोकस

सरकार ने इस अभियान में सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर भारत-नेपाल सीमा पर सघन निगरानी के निर्देश दिए हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इन रास्तों से नकली और मादक दवाओं की तस्करी की आशंका बनी रहती है, जिसे रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी।

दो श्रेणियों में बांटे गए जिले

निरीक्षण कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

  • श्रेणी-एक: देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी।
  • श्रेणी-दो: अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी और चंपावत।

विभाग हर सप्ताह इन जिलों से प्राप्त दवा के नमूनों की जांच प्राथमिकता के आधार पर करेगा।

शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

प्रशासन ने आम जनता से भी इस अभियान में सहयोग की अपील की है। नकली दवाओं से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी देने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 18001804246 जारी किया गया है। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

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