बेबाक चर्चा
**अलीगढ़, उत्तर प्रदेश:** उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रही पीईटी (PET) परीक्षा में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कन्नौज के एक अभ्यर्थी को अलीगढ़ के एक परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया, जिसने दो अलग-अलग नामों और जन्मतिथियों से परीक्षा देने की कोशिश की थी। बायोमेट्रिक जांच में उसके पुराने नाम **’संजय यादव’** का खुलासा हुआ।
### बायोमेट्रिक जांच ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
घटना अलीगढ़ के अलबरकात स्कूल परीक्षा केंद्र की है। यहाँ **मोहित कुमार** नाम का एक अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुँचा था। लखनऊ मुख्यालय में परीक्षा के दौरान चल रही जिलावार बायोमेट्रिक जांच में मोहित के रिकॉर्ड में कुछ गड़बड़ी पाई गई। ऑनलाइन दस्तावेजों की जाँच में सामने आया कि उसके चेहरे और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड का मिलान **’संजय यादव’** नाम के आधार कार्ड से हो रहा था।
लखनऊ से तुरंत संदेश मिलने के बाद, केंद्र पर मौजूद स्टेटिक मजिस्ट्रेट की टीम ने मोहित को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
### क्यों बदला नाम और जन्मतिथि?
पूछताछ में मोहित ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसका असली नाम संजय यादव है और उसका जन्म 1994 में हुआ था। सेना में भर्ती होने के कई प्रयासों में विफल रहने के बाद उसकी उम्र निकल गई। नौकरी पाने की चाहत में उसने दूसरी बार हाई स्कूल की परीक्षा दी और इस बार अपना नाम **मोहित कुमार** रखा। उसने अपनी उम्र कम करके जन्मतिथि 1999 दर्शाई और इसी के आधार पर नया आधार कार्ड भी बनवा लिया था।
सीओ सर्वम सिंह ने बताया कि मोहित के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस घटना से यह साफ हो गया है कि बायोमेट्रिक प्रणाली ने परीक्षा में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।