बेबाक चर्चा
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड में ‘छात्रवृत्ति घोटाले’ को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। अल्पसंख्यक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस मामले की जांच के लिए आखिरकार विशेष अन्वेषण दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। मई में सरकार द्वारा 92 संदिग्ध संस्थानों में जांच के आदेश के बाद 17 संस्थानों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद अब इस मामले की परतें खोलने के लिए एसआईटी को मैदान में उतारा गया है।
‘छात्रवृत्ति माफिया’ के खिलाफ एक्शन
राज्य में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में धांधली की खबरें आ रही थीं। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के विश्लेषण में 92 ऐसे संस्थानों और स्कूलों को संदिग्ध पाया गया था, जहां छात्रवृत्ति में हेराफेरी की जा रही थी। जिला प्रशासन की जांच में 17 संस्थानों में अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद, सरकार ने इस गंभीर मामले में कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया।
अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, डॉ. वी मुरुगेशन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक अपराध कानून व्यवस्था करेंगे और इसमें राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। इसके अलावा, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का एक अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक भी इस टीम का हिस्सा होंगे।
यह एसआईटी अब उन सभी संस्थानों और लोगों की जांच करेगी जो इस घोटाले में शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई उन ‘छात्रवृत्ति माफियाओं’ पर एक बड़ा प्रहार होगी, जो शिक्षा के नाम पर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे थे।
भविष्य में क्या?
इस जांच के बाद कई और संस्थानों के नाम सामने आने की संभावना है। यह देखा जाना बाकी है कि एसआईटी की जांच में और कितने बड़े खुलासे होते हैं और इस घोटाले के पीछे कौन-कौन से बड़े नाम छिपे हैं। यह कार्रवाई उन लाखों छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो अपनी शिक्षा के लिए सरकार की मदद पर निर्भर हैं।