बेबाक चर्चा
इस गैंग ने देहरादून की एक युवती को निशाना बनाया, लेकिन पुलिस की सतर्कता से उनका षड्यंत्र नाकाम हो गया.
छांगुर गैंग के सदस्य पहले सोशल मीडिया के जरिए सामान्य बातचीत से संपर्क बनाते हैं, फिर धीरे धीरे धार्मिक तानाबाना बुनना शुरू करते हैं. युवतियों को पैसे भेजे जाते हैं और धर्म परिवर्तन पर मोटी रकम का लालच दिया जाता है. कुछ खाताधारक, जो पहले से धर्म बदल चुके हैं, अब गैंग के साथ मिलकर दूसरों को भी फंसा रहे हैं.
पुलिस ने जुटाई सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी
देहरादून की जिस युवती को टारगेट किया गया, उसने समय रहते पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने उसके माध्यम से उन सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी जुटा ली, जिनसे संपर्क हुआ था. पुलिस जांच में सामने आया कि इन अकाउंट्स के संचालक उत्तराखंड से बाहर के हैं.
युवती को आगरा लेकर रवाना हुई पुलिस
धर्मांतरण गैंग के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, देहरादून और ऋषिकेश में दबिश दी गई, जिसमें देहरादून के अब्दुल रहमान और मुजफ्फरनगर के अब्बू तालिब को पकड़ा गया, जांच में पता चला कि इन्होंने दून की दो युवतियों को बहला फुसलाकर आगरा बुलाया था. अब ये दोनों युवतियां शुक्रवार तक आगरा पहुंचाई जा रही हैं, देहरादून पुलिस उन्हें लेकर आगरा रवाना हो चुकी है.
छांगुर गैंग के तीन सदस्यों को यूपी एसटीएफ ने पकड़ा
इस गैंग का पहला बड़ा मामला रानीपोखरी क्षेत्र में सामने आया था, जहां 21 वर्षीय युवती को धर्मांतरण के लिए उकसाया गया. तब छांगुर गैंग के पांच सदस्यों पर उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था, इसमें से तीन आरोपी यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिए हैं, जबकि दो अभी फरार हैं.
इस मामले में देहरादून के सहसपुर क्षेत्र से अब्दुल रहमान उर्फ रूपेंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया है, जो छांगुर गैंग का प्रमुख सदस्य है. वह मूल रूप से मैनपुरी, उत्तर प्रदेश का निवासी है और पिछले 12 वर्षों से देहरादून में रह रहा था. रहमान ने देहरादून और लखनऊ में दो शादियां की थीं और उसके आठ बच्चे हैं, उस पर कई युवतियों को बहला कर धर्मांतरण के लिए उकसाने का आरोप है.
देहरादून पुलिस ने तेज की जांच
देहरादून एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, गैंग के नेटवर्क को तोड़ने के लिए साइबर और ग्राउंड इंटेलिजेंस के जरिए जांच को और तेज किया जा रहा है. उत्तराखंड पुलिस सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली ऐसी गतिविधियों पर विशेष निगरानी रख रही है. वहीं उत्तराखंड पुलिस अब उत्तराखंड में फीस छांगुर बाबा के नेटवर्क को तलाशने में लगी है, छांगुर के चेलों की तलाश की जा रही है. पुलिस सभी सोशल मीडिया अकाउंट को चेक कर रही है, जो छांगुर की गतिविधियों से जुड़े हुए बताए जाते हैं.