बेबाक चर्चा
अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी में जल्द ही बड़ा संगठनात्मक बदलाव हो सकता है और नया पार्टी अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है।
हालांकि पार्टी के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की राष्ट्रपति से मुलाकात को एक औपचारिक प्रक्रिया बताया है, जिसमें प्रधानमंत्री देश के महत्वपूर्ण मुद्दों और अपनी विदेश यात्राओं की जानकारी देते हैं। मगर सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के उस ताजा फैसले पर भी बातचीत हो सकती है जिसमें राज्यपालों और राष्ट्रपति को विधानसभा से पास बिलों पर तीन महीने में फैसला लेने की सीमा तय की गई है। सरकार अब इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पश्चिम बंगाल में हिंसा और वक्फ बिल को लेकर फैलाए जा रहे झूठे प्रचार भी गंभीर मुद्दे हैं। इनसे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए इन्हें भी प्राथमिकता पर सुलझाने की जरूरत है।”
कई अंदरूनी मामलों पर कानूनी राय लेने के साथ-साथ, एक संभावित कैबिनेट फेरबदल की भी चर्चा जोरों पर है। जून 2024 में तीसरी बार सरकार बनने के बाद अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। आने वाले महीनों में बिहार, और फिर 2026 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों से नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
पार्टी जल्द घोषित कर सकती है नया अध्यक्ष
वहीं बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की, जिसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। लेकिन यह बैठक मंगलवार को शाह और सिंह द्वारा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मीटिंग के तुरंत बाद हुई, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी जल्द ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह और नड्डा के बीच बुधवार देर शाम हुई दूसरी बैठक को पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की दिशा में अगला कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि जेपी नड्डा को 2020 में पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था और 2024 में लोकसभा चुनावों के चलते उन्हें विस्तार मिला। वह 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे जब अमित शाह को सरकार में शामिल किया गया था।
कैसे चुना जाता है बीजेपी का अध्यक्ष?
पार्टी के संविधान के अनुसार, अध्यक्ष का कार्यकाल लगातार दो बार 3 साल का हो सकता है और इसका चुनाव राष्ट्रीय परिषद, राज्य परिषदों के सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। 50 प्रतिशत राज्यों द्वारा अपने प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर लेने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। अब तक करीब 14 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है।