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हिमाचल पर प्रकृति का ट्रिपल अटैक: भूकंप, बादल फटा और लैंडस्लाइड से हाहाकार

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बेबाक चर्चा  


शिमला, हिमाचल प्रदेश – देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से तबाही मची हुई है, वहीं अब भूकंप के झटकों ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आज सुबह एक घंटे के भीतर दो बार धरती कांपी, जबकि कुल्लू और मंडी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।

चंबा में एक घंटे में दो बार भूकंप से दहशत

बुधवार की सुबह चंबा जिले के लोग दहशत में जाग उठे, जब एक घंटे के भीतर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, पहला झटका सुबह 3:27 बजे आया, जिसकी तीव्रता 3.3 थी और गहराई 20 किमी थी। इसके ठीक एक घंटे बाद, 4:39 बजे 4.0 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किमी थी। गनीमत रही कि इन झटकों से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। चंबा के उपायुक्त मुकेश रेसवाल ने इसकी पुष्टि की है।

कुल्लू-मंडी में बादल फटने से भारी तबाही

 

मौसम की मार ने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है। कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने की दो अलग-अलग घटनाओं ने तबाही मचा दी है।

कुल्लू जिले में:

  • लगघाटी के भूभू जोत में बादल फटने से कड़ौन पंचायत में दो मकान, दो पुल और तीन दुकानें बह गईं।
  • लगभग 15 परिवारों की कई बीघा कृषि भूमि भी बाढ़ में बह गई।
  • कुल्लू-कालंग सड़क बंद हो गई, जिससे चार पंचायतों का संपर्क टूट गया है।
  • एक दुखद घटना में, पार्वती घाटी के रशोल गांव में भूस्खलन के कारण एक शेड गिरने से नेपाल मूल की 45 वर्षीय महिला दीपा की मौत हो गई।

मंडी जिले में:

  • चौहारघाटी की तरसवाण पंचायत में बादल फटने से स्वाड़ और सिल्हबुधाणी में भारी नुकसान हुआ।
  • सिल्हबुधाणी में 5 फुटब्रिज, एक दुकान और एक सराय बह गए।
  • स्वाड़ में मत्स्य पालन के दो फिश फार्म के 10 टैंक बाढ़ की चपेट में आने से टनों ट्राउट मछलियां बह गईं।

शिमला में खतरे की घंटी, मंत्रियों के घर खाली कराए गए

 

राजधानी शिमला भी भूस्खलन की चपेट में है। बैनमोर में भूस्खलन के कारण हिमुडा कॉलोनी से 116 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और विधायकों के आवासों को भी खाली करा दिया गया है, क्योंकि ये घर भूस्खलन वाली जगह के ठीक नीचे बने हुए हैं।

किन्नौर कैलाश यात्रा पर रोक

 

उधर, किन्नौर कैलाश यात्रा में भी प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। मंगलवार को पत्थर गिरने से गाजियाबाद के एक और श्रद्धालु गौरव की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इस यात्रा में अब तक पांच श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

हिमाचल प्रदेश में जारी इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य में हाहाकार मचा दिया है। सरकार और प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन मौसम की मार थमने का नाम नहीं ले रही है।

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