बेबाक चर्चा
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने एक **बड़ी सफलता** हासिल करते हुए करोड़ों की साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक फर्जी कंपनी बनाकर और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर एक शख्स से **₹66 लाख से ज्यादा** की रकम ठग ली।
### ‘CryptoPromarkets’ का झांसा
पुलिस के अनुसार, ठगों ने फेसबुक पर **”CryptoPromarkets”** नाम से एक आकर्षक विज्ञापन और लिंक प्रसारित किया, जिसमें निवेश पर **मोटा मुनाफा** मिलने का लालच दिया गया था। पीड़ित ने इस लिंक पर भरोसा करके रजिस्ट्रेशन किया, जिसके बाद ठगों ने खुद को कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी बताकर उसे फंसाया।
ठगों ने पीड़ित को विश्वास दिलाया कि यह एक वैध निवेश प्लेटफॉर्म है। उन्होंने खुद को प्रिया, रमेश कुमार, शरद वोहरा और विक्की मल्होत्रा जैसे नामों से पेश किया और लगातार पीड़ित को और पैसे निवेश करने के लिए उकसाया। इसी झांसे में आकर पीड़ित ने 7 से 29 जुलाई 2025 के बीच अलग-अलग बैंक खातों में कुल **₹66,21,000** जमा करा दिए।
### विदेशों से कनेक्शन, फर्जी कंपनियां और खाते
ठगी की रकम मिलने के बाद, ठगों ने लाभांश देने से इनकार कर दिया और पीड़ित से संपर्क करना बंद कर दिया। पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि यह एक बड़ा रैकेट है। ठगों ने ठगी के लिए **एनजी ट्रेडर्स** नाम की एक फर्जी कंपनी बनाई थी और इसी नाम पर फर्जी बैंक खाते और CUG नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
पुलिस ने नोएडा के सदरपुर, सेक्टर-45 से दो आरोपियों – **नितिन गौर (34) और निक्कू बाबू (29)** को गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि इन ठगों के तार विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़े हैं। पुलिस ने इनके पास से देश भर के विभिन्न बैंकों में खुले 18 से 20 करंट बैंक खातों का भी खुलासा किया है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऑनलाइन निवेश के विज्ञापनों पर आंखें मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस ने लोगों को ऐसे फर्जीवाड़ों से सावधान रहने की सलाह दी है।